भगवान मदमहेश्वर को कल अर्पित होगा नये अनाज का भोग

जनमंच टुडे/ऊखीमठ।

पंच केदार में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोलने की प्रक्रिया कल शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विधिवत शुरू होगी। गुरूवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियां पूजा – अर्चना के बाद ओकारेश्वर मन्दिर के गर्भ गृह से सभा मण्डप में विराजमान होगी।

परम्परा के अनुसार नये अनाज का भोग अर्पित कर विश्व कल्याण की कामना की जायेगी। भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली इस बार पैदल जायेगी या फिर रथ से धाम को प्रस्थान करेगी। इस का निर्णय कल तहसील प्रशासन, देव स्थानम् बोर्ड तथा हक – हकूकधारियो की मौजूदगी में लिया जायेगी जबकि निर्धारित ग्रामीणों द्वारा भगवान मदमहेश्वर को नये अनाज का भोग अर्पित किया जायेगा। जानकारी देते हुए देव स्थानम् बोर्ड के अधिकारी एन पी जमलोकी ने बताया कि गुुरुुवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियां परम्परानुसार शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर के गर्भ गृह से सभा मण्डप में विराजमान होगी ।

इसके बाद ग्रामीणों द्वारा नये अनाज का भोग अर्पित किया जायेगा। बताया कि 21 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियां सभा मण्डप में ही विश्राम करेंगे । 22 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियां डोली में विराजमान डोली का विशेष श्रृगार किया जायेगा तथा डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ से धाम के लिए प्रस्थान करेगी तथा विभिन्न यात्रा पडाव से होते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचेगी ।

23 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मन्दिर रासी से प्रस्थान कर अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गाँव पहुंचेगी तथा 24 मई को डोली गौण्डार गाँव से प्रस्थान कर विभिन्न यात्रा पडाव से होते हुए मदमहेश्वर धाम पहुंचेगी। डोली के धाम पहुंचने पर शुभ लगनानुसार भगवान मदमहेश्वर के कपाट विधि – विधान से ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें।

लक्ष्मण सिंह नेगी, वरिष्ठ पत्रकार।

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