पश्चिम दिशा में सिर करके सोना सेहत के लिए……

इंसान सोचता है सोना ही तो है, कही पर भी पसर जाएंगे, पर ऐसा करना शरीर के लिए सही नहीं माना जाता है, हमारे शास्त्रों में भी सोने के तौर तरीके बताए गए गए हैं, और सोने को हमारे स्वास्थ्य से जोड़कर देखा जाता है। वास्तु शास्त्र में सोने के कई उचित तरीके बताए गए जिनके पालन से जबरदस्त सुख सुविधा का लाभ मिलने की भविष्यवाणी भी की गई है। आइए आपको सोने के तरीकों के बारे में जानकारी देते है और चारों दिशाओं के प्रभाव बताते है। वास्तु शास्त्र के अनुसार सोने का कमरा हमेशा स्वच्छ एवं धूप, आने वाले होने चाहिए, पूरब ,उत्तरमुखी प्रवेश द्वार वाले धूप के लिए बेहतर माने जाते हैं, खैर इससे सोने का कोई लेना देना नही। आपको बता दे की हमेशा बैडरूम में सिर और पैर को एक उचित दिशा में रखकर ही सोना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार ज्ञान की प्राप्ति और दिमाग को विकसित करने के लिए हमेशा सिर को पूर्व दिशा में करके सोये को कहा गया है। ऐसी मान्यता है कि पूरब दिशा में सिर करके सोने से दिमाग सन्तुलित रहने के साथ ही, मनुष्य की सभी टेंसन कम हो जाती है और आत्मखुशी की प्राप्त होती है। यदि कोई इंसान सिर को उत्तर दिशा की तरफ करके सोता है तो उस मनुष्य को बुरे सपने आएंगे, और बार, बार नींद टूटने से उसको परेशानी होगी और इसका प्रभाव सीधे उसके स्वास्थ्य पर पड़ेगा। पश्चिम दिशा में सिर करके सोने से आपके शरीर पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ेगा, सिरदर्द बदन दर्द, आदि समस्या बननी शुरू हो जाती है और तबियत बार-बार खराब होने लगती हैं। दक्षिण दिशा में पैर करके सोने वाले इंसान की नींद में बार, बार ख़लल पड़ती रहती है और वह सही नींद नहीं सो पाता उसके मन में डरावने सपने आते रहते हैं। पैरो के पश्चिमी दिशा में होने पर शरीर में काफी भारीपन रहता है और शरीर को बीमारी घेर सकती है।

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