ऑनलाइन पढ़ाई सरल की जाए
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक राजकुमार ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस कोविड 19 महामारी के कारण लाॅकडाउन की वहज से प्राइवेट स्कूलों में तीन महीनें की फीस न लेने का आदेश दिया गया है, जबकि आनलाइन शिक्षा का सरलीकरण किये जाने की आवश्यकता है।
जारी एक बयान में राजकुमार ने कहा है कि मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में उन्होंने कहा कि जहां एक ओर प्राइवेट स्कूलों से तीन महीने तक फीस न लेने का आदेश दिया गया है जबकि प्राइवेट स्कूलों का कहना है कि सरकार ने किसी भी कर्मचारी की तन्ख्वाह नहीं रोकी है जो लोग फीस देने में सक्षम है उन्हें भुगतान की इजाजत दी जाये। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों को लाॅकडाउन के चलते सभी की तीन माह की फीस माफ की जानी चाहिए और इस कार्य में प्रदेश सरकार प्राइवेट स्कूलों की मदद करें जाकि समय पर प्राइवेट स्कूल कर्मचारियों को वेतन दे सके।
उन्होंने कहा कि आनलाइन पढाई शुरू करने की बात की जा रही,लेकिन ने अभिभावकों नेे लाॅकडाउन की वजह से किताबें अभी तक नहीं ली है क्योंकि बुक सैलरों की दुकानें बंद है ओर बहुत से बच्चों का पास होने पर भी स्कूल बदला जाना है और उनका प्रवेश नहीं हुआ है । उन सभी को न्यूनतम दरों पर पुस्तकें दिलवाई जाये और जिससे सभी छात्र छात्राये शिक्षा ग्रहण कर सके और इसी के साथ आनलाइन पढाई को सरल किया जाये क्योंकि सभी अभिभावक अब इतने पढे लिखे नहीं है और आजकल की पुस्तकें सरल नहीं है तथा इंटरनेट और आनलाइन पढाई की जा रही है और अभिभावक इसे हैन्डिल करने में सक्षम नहीं है इसलिए शिक्षकों की डयूटी फोन व व्हाटसप से बच्चों व अभिभावकों से बात कर अधिक से अधिक समय जानकारी दी जाये और जिससे बच्चे अपना अध्यापन कार्य कर सके।