जब अजगर को निगल गया किंग कोबरा
रामनगर। आपने अक्सर अजगर को दूसरे जानवरों का शिकार करते हुए देखा या सुना होगा। लेकिन, अगर अजगर ही खुद शिकार हो जाए, तो यह सुनने में थोड़ा अटपटा सा लगता है। उतराखंड में रामनगर के क्यारी गांव के जंगल में ऐसी ही घटना हुई है। जब करीब 15 फीट लंबे किंग कोबरा ने धूप में सुस्ता रहे अजगर को निगल गया।
दरअसल, दिन के समय ही किंग कोबरा सबसे अधिक सक्रिय होता है। उसने देखते ही देखते पायथन को निगल कर मौत के घाट उतार दिया। इस दुर्लभ दृश्य को देख वहां से गुजर रहे लोग हैरान रह गए। मौके पर वनकर्मी भी पहुंच गए। शायद उन्होंने भी अपने जीवन में ऐसा दृश्य पहली बार देखा होगा। वनकर्मियों ने भी लगे हाथ इस अदभुत दृश्य को अपने मोबाइल में कैद कर लिया। वनकर्मियों का कहना है कि इस क्षेत्र से पहले भी कई कोबरा सांप रेस्क्यू किए गए हैं। पायथन का शिकार करने वाला किंग कोबरा भी पिछले कई दिनों से यहां पर देखा जा रहा था। सामान्य तौर पर किंग कोबरा मेंढक, मछलियां, चूहे, खरगोश आदि को खाता है, लेकिन इसका असली भोजन सांप ही होता है। यहां तक कि वह अपनी ही प्रजाति के किंग कोबरा तक को मारकर खा जाता है। सांपों के जानकार और वनकर्मियों को सांप रेस्क्यू की ट्रेनिंग देने वाले डॉ. अभिषेक कहते हैं कि अगर पायथन किंग कोबरा से छोटा हो तो किंग कोबरा उसे निगल जाता है। पिछले कई सालों से किंग कोबरा समेत सैकड़ों अन्य सांपों और जंगली जानवरों का रेस्क्यू कर चुके फारेस्ट डिपार्टमेंट के सिटी रेस्क्यू टीम के इंचार्ज रवि जोशी कहते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में अभी तक ऐसा दुर्लभ दृश्य नहीं देखा। पहले तो किंग कोबरा आसानी से दिखता नहीं और दिखा भी तो पाइथन को निगलते हुए! यह अपने आप में दुर्लभ क्षण है। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के सीनियर वेटरनरी अफसर डॉ राकेश नौटियाल का कहना है कि उत्तराखंड में कम मात्रा में किंग कोबरा पाए जाते हैं। किंग कोबरा का सबसे पंसदीदा भोजन रेट स्नैक है। लेकिन विषम परिस्थितियों में वो किसी भी सांप को अपना भोजन बना सकता है। किंग कोबरा एक बार भोजन कर ले तो उसे 15 से 20 दिन तक खाना खाने की आवश्यकता नहीं होती। किंग कोबरा सामान्य तौर पर मनुष्य पर अटैक नहीं करता। वह तब तक मनुष्य पर अटैक नहीं करता, जब तक उसे अपनी जान पर खतरा न महसूस हो।