बद्रीधाम के लिए रवाना हुआ गाड़ू घड़ा

-टिहरी की सांसद राज्य लक्ष्मी शाह के साथ सुहागन महिलाओं ने पिरोया तेल का तेल

-पीले वस्त्र और  पील मास्क में नज़र आईं महिलाएं

देहरादून। भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले धाम में तिल का तेल अभिषेक के लिए पहुंचाने के लिए मंगलवार को नरेंदनगर स्थित राजमहल में महिलाओं ने तिल का तेल पिरोया। तेल पिरोने के पवित्र गाडू घड़े में रखा गया। देर शाम तिल के तेल का यह गाडू घड़ा नरेंदनगर से पैदल यात्रा के साथ बद्रीनाथ धाम को रवाना कर दिया। यात्रा में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने का पूरा पालन किया जाएगा।

देवभूमि में भू बैकुंठ धाम के नाम से प्रसिद्ध  भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट इस बार 30 अप्रैल को खुलने थे। लेकिन कोरोना महामारी और यात्रा तैयारी न होने से तिथि संशोधित की गई। टिहरी रियासत में अंतिम राजा मनुजेंद्र शाह की मौजूदगी में सरकार ने कपाट खुलने की तिथि 15 मई की गई। इसी तैयारी के साथ पहले 24 अप्रैल को गाडू घड़ा अनुष्ठान रखा गया था। लेकिन इसमें भी परिवर्तन कर आज की तारीख तय की गई थी। मंगलवार को गाडू घड़ा यात्रा के लिए पुरोहित और राज परिवार के लोग नरेंद्रनगर स्थित राजमहल में जुुुटे। यहां टिहरी रानी और  सांसद राज्य लक्ष्मी शाह की अगुवाई में सुहागन महिलाओं ने पीले वस्त्र धारण कर तिलों का तेल पिरोया। इस दौरान राजा के पुरोहित ने भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के साथ तेल पिरोने के कार्य का शुभारंभ किया।  इस मौके पर राजपुरोहित संपूर्णानंद जोशी ने बताया कि धार्मिक रीति रिवाज एवं वैदिक पूजा अर्चना के साथ गाडू घड़े की पूजा की गई। इस दौरान विधि-विधान पूर्वक भगवान गणेश और भगवान बदरीनाथ के पूजन के साथ तेल पिरोया गया। इस मौके पर राजमहल में ढ़ोल-दमांऊ की थाप से गूंज उठा। इसके बाद पीले वस्त्र पहनी महिलाओं ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ तिल का तेल पिरोया। इससे राजमहल में खूब चहल पहल देखी गई। तेल पिरोने के विशेष दिन पर राजमहल को बाहर से लेकर अंदर तक फूलों से सजाया गया था। ।

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