मंगोलचारी तक पैदल जायेगी भगवान मदमहेश्वर की डोली

  • लक्ष्मण सिंह नेगी।
  • वरिष्ठ पत्रकार, ऊखीमठ।

ऊखीमठ। पंच केदार में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात  बूढ़ा मदमहेश्वर की तलहटी में बसे सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य विराजमान भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोलने की प्रक्रिया शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में पौराणिक परम्पराओं व रीति – रिवाजों के साथ शुरू हो गयी है।  भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ ओकारेश्वर मन्दिर के गर्भ गृह से सभा मंडप लाया गया और प्रशासन स्तर से नियुक्त महिलाओं ने भगवान मदमहेश्वर को नये अनाज का भोग अर्पित किया । इस दौरान लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन किया गया। गुरुवार को भगवान मदमहेश्वर सभा मंडप में विराजमान होगे। शनिवार को भगवान मदमहेश्वर की डोली ऊखीमठ से अपने धाम के लिए रवाना होगी।  इस वर्ष लॉकडाउन के चलते भगवान मदमहेश्वर की डोली मंगोलचारी से रासी तक वाहन से जा सकती है । गुरुवार को ओकारेश्वर मन्दिर के प्रधान पुजारी बागेश्वर लिंग व मदमहेश्वर धाम के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग द्वारा भगवान ओकारेश्वर सहित पंचनामा देवी – देवताओं की पूजा – अर्चना कर जलाभिषेक किया तथा भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव भोग मूर्तियों को परम्परानुसार सभा मंडप लाया गया । ब्राह्मणों, वेद पाठियों द्वारा पुनः भगवान मदमहेश्वर की मूर्तियों की विशेष पूजा की गयी तथा डगवाडी, बाह्मणखोली व पजपाणी की दो – दो महिलाओं द्वारा भगवान मदमहेश्वर को नये अनाज का भोग अर्पित किया गया। इस दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सपरिवार भगवान मदमहेश्वर की मूर्तियों के दर्शन किये । आज भगवान मदमहेश्वर की मूर्तियाँ सभा मंडप में ही विराजमान रहेगी तथा शनिवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को डोली में विराजमान कर डोली का विशेष श्रृंगार किया जायेगा तथा डोली अपने धाम को रवाना होगी । प्रशासन के सूत्रों की माने तो भगवान मदमहेश्वर की डोली मंगोलचारी तक परम्परा के अनुसार पैदल पथ से जायेगी तथा वहा से वाहन से राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुचेगी । इस दौरान लॉक डाउन के नियमों का सख्ती से पालन किया जायेगा। इस मौके पर वीडी सिंह, राजकुमार नौटियाल, यदुवीर पुष्वाण,मदन सिंह पंवार, विश्व मोहन जमलोकी मौजूद थे।

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