चारधाम यात्रा की रौनक पर कोरोना का ‘ग्रहण’

ऊखीमठ। भगवान मदमहेश्वर के कपाट खुलने के बाद तीर्थ यात्रियों से रहने वाले यात्रा पड़ाव लाक डाउन के कारण वीरान पड़े हैं। लाक डाउन के कारण तीर्थ यात्रियों की आवाजाही पर रोक लगने से स्थानीय व्यापारियों को भविष्य की चिंता सताने लग गयी है। यदि प्रदेश सरकार की पहल पर केन्द्र सरकार द्वारा स्थानीय तीर्थाटन व पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के प्रयास नहीं किये गये तो देव स्थानम् बोर्ड के साथ ही मदमहेश्वर धाम के हक- हकूकधारियो व स्थानीय व्यापारियों को दो जून की रोटी के लिए मोहताज होना पड़ सकता है। विगत वर्षों की बात करे तो भगवान मदमहेश्वर के कपाट खुलने के पावन अवसर पर ही सैकड़ों तीर्थ यात्री मदमहेश्वर धाम पहुंचते थे जिससे मदमहेश्वर यात्रा पड़ाव मनसूना, बुरुवा,राऊलैक, उनियाणा,रासी, अकतोली, गौण्डार, बनातोली, खटारा, नानौ, मैखम्भा, कूनचटटी सहित मदमहेश्वर धाम में रौनक बनी रहती थी। इन यात्रा पड़ावों पर तीर्थ यात्रियों की आवाजाही होने से मन्दिर समिति सहित स्थानीय व्यापारियों की आर्थिकी सुदृढ़ होने के साथ ही स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा मिलता था। मदमहेश्वर घाटी के सिद्धपीठ काली शिला, राकेश्वरी मन्दिर रासी व मनणा माई तीर्थ में भी तीर्थ यात्रियों की आवाजाही शुरू हो जाती थी। रासी-मनणा- केदारनाथ, मदमहेश्वर- पाण्डव सेरा- नन्दी कुण्ड पैदल ट्रेक पर भी आवागमन शुरू होने से स्थानीय गाइडों को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो जाते थे, मगर इस बार वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण लाक डाउन होने से मदमहेश्वर घाटी के यात्रा पड़ावों पर सन्नाटा पसरा हुआ है जिससे यहाँ के जनमानस के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही है।

  • जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा का कहना है कि केन्द्र सरकार को मानको के तहत पर्यटन व्यवसाय में भी ढील देने होगी जिससे यहाँ के जनमानस की आजीविका बनी रहे! मदमहेश्वर धाम के व्यापारी भगत सिंह पंवार का कहना है कि मदमहेश्वर सहित सभी यात्रा पड़ावों पर सन्नाटा पसरने से सब को भविष्य की चिन्ता सताने लगी  है ।
  • प्रधान रासी कुन्ती नेगी, शिव सिंह रावत, मदमहेश्वर घाटी विकास मंच अध्यक्ष मदन भटट्, रणजीत रावत का कहना है कि यदि आने वाले दिनों में लाक डाउन की गाइडलाइन में छूट देकर क्षेत्र के पर्यटन व्यवसाय को पटरी पर लाने के प्रयास नहीं किये गये तो मदमहेश्वर धाम की यात्रा पर निर्भर रहने वालों के सन्मुख रोजी- रोटी का संकट खड़ा हो सकता है।

 

  • लक्ष्मण सिंह नेगी।
  • वरिष्ठ पत्रकार, ऊखीमठ।

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