हाईकोर्ट ने पूछा, कितने फीसद बच्चे ऑनलाइन पढ़ रहे बताएँ

नैनीताल।  हाइकोर्ट ने लॉक डाउन की अवधि में निजी व सरकारी विद्यालयों  छात्रों से स्थिति सामान्य होने तक ट्यूशन फीस न लेने के मामले में दायर जनहित याचिका पर  सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले में अभिभावकों की शिकायतें दर्ज करने के लिए सरकार को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के आदेश दिए । कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि एलकेजी व यूकेजी कक्षाओं में पढ़ रहे मासूम बच्चों को किस तरह से ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है?। कितने प्रतिशत बच्चे ऑनलाइन पढ़ रहे, कितने स्कूल ये सुविधा दे रहे हैं? । कोर्ट ने राज्य सरकार से शिक्षा अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाने के आदेश दिए हैं, ताकि अभिभावकों से जबरन फीस की मांग कर रहे स्कूलों के खिलाफ  शिकायत नोडल अधिकारी को दर्ज करा सके। मामले की सुनवाई  दो हफ्ते बाद होगी। देहरादून निवासी आकाश यादव ने जनहित याचिका दायर कर कहा  था कि निजी और सरकारी स्कूलों में स्थिति सामान्य होने के बाद ही अभिभावकों से ट्यूशन फीस की मांग की जाए। साथ ही ट्यूशन फीस के नाम पर अन्य कोई शुल्क ना लिया जाए और न ही अगले सत्र में फीस में किसी तरह की वृद्धि की जाए। याचिकाकर्ता का यह भी कहा है कि कक्षा 5 तक के बच्चों से किसी तरह का कोई शुल्क न लिया जाए।

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