समस्त वेंडर जोन में राज्य मूलनिवासी को ही मिले वेंडर लाइसेंस
देहरादून । उत्तराखंड क्रांति दल ने कोरोना महामारी के चलते घर लौटे प्रवासियों को रोजगार दिए जाने की मांग की है। दल ने इस संबंध में जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा है। यूकेडी का कहना है कि कोरोना महामारी जो वैश्विक रूप धारण कर मानव की जान के खतरों के साथ साथ उनके रोजगार को छीन चुका है। लाखों की नौकरियां छीन चुकी है, मजदूरों के पास काम नही रहा, जिसके कारण उनके आगे रोजगार का संकट आ चुका है।
अभी हाल में देहरादून नगर निगम के सम्मानित मेयर सुनील उनियाल गामा द्वारा घोषणा की गई है कि देहरादून नगर निगम क्षेत्र में 12 जगह पर वेंडर जोन खोले जाने है, जिससे लोगों को रोजगार के साथ निगम को राजस्व का लाभ मिलेगा। सराहनीय कदम है, लेकिन उत्तराखंड क्रान्ति दल का स्पष्ट मानना है कि वेंडर जोन मात्र देहरादून शहरी क्षेत्र में खोलने के साथ साथ राज्य की समस्त नगर निकायों में वेंडर जोन खोले जाने चाहिये जिसमे कोरोना महामारी के कारण जिन लोगों के रोजगार छीनने के कारण पहाड़ों में घर वापसी कर रहे हैं। उन्ही लोगों को समस्त वेंडर जोनों में वेंडर लाइसेंस दिया जाय। जिसकी शुरुआत देहरादून में नए वेंडर जोन से की जाए। साथ ही अभी तक देहरादून व अन्य शहरों में अवैध रूप से कई सब्जी मंडिया स्थानीय राजनीति, निकायों के संरक्षण में फल-फूल रहे है तत्काल उन्हें रोका जाए व अवैध थैलियों के संचालनों पर समस्त निकाय प्रतिबंध करें। केवल मात्र राज्य के मूलनिवासी को ही वेंडर लाइसेंस निर्गत नीति बनाकर बेरोजगारों को रोजगार मुहैया किया जाय। उत्तराखंड क्रान्ति दल इन सुझावों के साथ यह भी चेताना चाहता है कि अभी तक वेंडर जोन में व वेंडर लाइसेंस गोंडा, बस्ती, बिहार,मुज्जफरनगर, मेरठ,सहारनपुर आदि के लोगों को दिया जाता रहा है, इन सभी को वोट बैंक के रूप में सरकारें इस्तेमाल करती आयी है। दल बाहरी व्यक्तियों को अभी तक दिए गए लाइसेंसों को रद्द की मांग करता है। केवल कोरोना प्रभावित घर वापसी करने वालों को ही स्थानीय रोजगार दिया जाय।
ज्ञापन देने वालों में सुनील ध्यानी, शांति भट्ट, राजेन्द्र बिष्ट अशोक नेगी,उत्तम रावत,कुंवर प्रताप शामिल रहे।