सर्दी, जुकाम, बुखार हुआ तो अब ‘भगवान ही मालिक’

हल्द्वानी। कुमाऊं के हल्द्वानी में प्राइवेट अस्पतालों में सर्दी, जुकाम और बुखार के मरीजों का इलाज नहीं होगा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने फैसला किया है कि ऐसे मरीजों के अस्पताल पहुंचने की स्थिति में इन्हें सरकारी अस्पतालों में रेफर किया जाएगा। कोरोना के खतरे को देखते हुए आईएमए ने यह निर्णय लिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े सभी डॉक्टर्स ने अपील की है कि सर्दी, जुकाम और बुखार के मरीज खुद ही प्राइवेट अस्पताल में न आएं. ऐसे मरीज नजदीकी सरकारी अस्पतालों में जाएं। जिसके लिए सरकार ने बेस अस्पताल में व्यवस्था कर रखी है। आईएमए के सचिव डॉक्टर पुनीत अग्रवाल के मुताबिक मंगलवार को हल्द्वानी के वनभूलपुरा में एक महिला में कोरोना की पुष्टि हुई है जिसके बाद डॉक्टर सतर्क हो गए हैं। इस महिला मरीज ने पहले अपनी जांच कृष्णा हॉस्पिटल में कराई थी लेकिन बाद में सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज के दौरान इसमें कोरोना की पुष्टि हुई। इसके बाद कृष्णा अस्पताल के तीन डॉक्टर्स समेत आठ स्टाफ को क्वारंटीन करना पड़ा है। इसलिए आईएमए ने निर्णय लिया है कि सर्दी, जुकाम, बुखार के मरीज अपने फैमिली डॉक्टर को पहले फोन कर सकते हैं। लक्षणों के आधार पर डॉक्टर बताएंगे कि इलाज कहां कराना है। प्राइवेट अस्पतालों के रुख से मरीजों के लिए एक मात्र चारा बेस अस्पताल में जाना रह गया है. ऐसे में बेस अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ना तय है। बेस अस्पताल के नोडल ऑफिसर डॉक्टर डीएस पंचपाल का दावा है कि मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका है इसलिए ओपीडी में एक्सट्रा डॉक्टर्स बैठेंगे।
हल्द्वानी कुमाऊं के छह जिलों पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत, नैनीताल और ऊधम सिंह नगर का मेडिकल हब है। हल्द्वानी में छोटे-बड़े क्लीनिक्स की संख्या 200 से ज्यादा है. इन अस्पतालों की ओपीडी में रोजाना दो से ढाई हजार नए मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं।

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