जब उनकी ‘आशा’ निराशा में बदली

वतन वापसी नहीं होने पर 65 नेपाली मजदूर लौटे 
उत्तरकाशी । लॉकडाउन के चलते सैकड़ों नेपाली मजदूर इस आस के साथ गए थे कि वह अपने घर वापस जा सकें, लेकिन अपने देश की सरकार की बेरुखी के चलते इन्हें वापस लौटना पड़ रहा है। तीन दिन पहले 100 से अधिक नेपाल मूल के मजदूर लॉकडाउन के चलते इस आस के साथ उत्तरकाशी से चले थे कि उनकी वापसी हो जाएगी।
भारत-नेपाल बॉर्डर पर तीन दिन तक सभी नेपाली मजदूर इंतजार करते रहे कि बॉर्डर खुलेगा, तो वह अपने देश जा सकेंगे, लेकिन बनबसा में नेपाल सरकार की और से बॉर्डर न खोलने पर 65 मजदूरों को मजबूर होकर निराश उत्तरकाशी वापस लौटना पड़ा। मातृभूमि की बेरुखी देख नेपाली मजदूरों को अब कर्मभूमि की और ही रुख करना पड़ा। उत्तरकाशी लौटने पर सभी नेपाली मजदूरों को राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में क्वारंटाइन किया जा रहा है। एसडीएम भटवाड़ी देवेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि  65 नेपाली मूल के मजदूर बनबसा से वापस उत्तरकाशी लौटे हैं। नेपाल सरकार के बॉर्डर न खोलने पर यह वापस लौटे हैं। यहां पर उनका मेडिकल चेकअप कर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में क्वारंटाइन किया गया है। साथ ही प्रशासन की ओर से उनके लिए सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

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