नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट होगा हाईकोर्ट

जनमंच टुडे। देहरादून। राज्य में अब जबरिया धर्मातरण गैरजमानती अपराध होगा। बुधवार को सीएम धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में मन्त्रीमण्डल ने धर्मांतरण कानून को गैर जमानती बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। अब उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून गैर जमानती अपराध होगा जिसमें 10 वर्ष की सजा होगी। साथ ही कैबिनेट ने नैनीताल हाईकोर्ट को हल्द्वानी में शिफ्ट करने का भी फैसला लिया है। कैबिनेट में नैनीताल हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने का प्रस्ताव रखा गया। इस पर मंत्रिमंडल ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। लंबे समय से हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की कवायद चल रही थी। कैबिनेट ने उत्तराखंड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) (संशोधन) नियमावली को भी मंजूरी दी है। इसके तहत शॉपिंग मॉल, व्यापारिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों को राहत मिलेगी है। इस नियमावली के लागू होने से शॉपिंग मॉल, व्यापारिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए अब बैठने की व्यवस्था करनी होगी। अभी तक ड्यूटी के दौरान कर्मचारी ज्यादातर समय काउंटर या अन्य जगहों पर खड़े रहते हैं। बैठक में मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत चंपावत में संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) की स्थापना पर भी मोहर लगा दी गई है। बैठक में ग्रामीण निर्माण विभाग के तहत होने वाले कार्यों के लिए वित्तीय सीमा को 15 करोड़ से बढ़ाकर असीमित करने पर मुहर लगाई गई। उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा अधीनस्थ अधिकारी, कर्मचारी सेवा (संशोधन) नियमावली 2022 को मंजूरी। उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम 1901 (उत्तराखंड अनुकूलन एवं उपरांतरण आदेश, 2001) की धारा-1 में संशोधन और धारा-233 के अंत: स्थापन को विधेयक लाने की मंजूरी दे दी । उत्तराखंड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त)(संशोधन) विधेयक 2022 को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी। उत्तराखंड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध अधिनियम 2016 (संशोधन) विधेयक 2022 को भी मन्त्रीमण्डल ने मंजूरी दी । प्रस्तावित जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना हेतु पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन नीति 2022 के साथ ही जून 2013 की प्राकृतिक आपदा से केदारनाथ धाम से तिलवाड़ा तक व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की सामग्रियों को हुई क्षति की राहत के तहत दूसरी किस्त की धनराधि जारी करने की सैद्धान्तिक मंजूरी दी गई।