मोबाइल का अधिक इस्तेमाल हो सकता है ‘घातक’
मोबाइल के बिना आज किसी का काम नहीं चलता है और मोबाइल ने हर काम को आसान बना दिया हैं, लेकिन यह इंसान को लती बना चुका है, जो मनुष्य के लिए बेहत घातक सिद्ध हो सकता है। लोग फोन का इतना ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं कि वह सोते, जागते.खाते, पीते चलते फिरते भी मोबाइल पर रमे रहते हैं । सुबह उठते ही लोगों का पहला काम मोबाइल चेक करना होता है लेकिन सुबह उठते ही मोबाइल का इस्तेमाल सेहत के लिए अच्छा नहीं है।
हमेशा अपने दिन की शुरुआत बिना किसी तनाव और चिंता के शांति से करना बेहतर माना जाता है और यही सेहत के लिए भी ज़रूरी माना जाता है। अगर सुबह उठते ही ही आपने मोबाइल हाथ में ले लिया तो यह आपके आंखों,के दांत ही सेहत के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। फोन मैसेजेस, ई.मेल्स, रिमांडर, इंस्टाग्राम पोस्ट्स आदि से भरा होता है, जो चिंता और तनाव की वजह बन सकता है।
समय से पहले चेहरे पर बुढापा झलकना, आंखों की रोशनी कम होना, कमर और गर्दन में दर्द होना, सिर दर्द होना, बालों के पोषण में कमी होने से टूटना झड़ना, यानी गंजापन भी हो सकता है। एक्सपर्ट के अनुसार, मोबाइल के प्रयोग से बाए तरफ गर्दन गर्दन में अकड़न आ जाती है जो दर्द में तब्दील हो जाता है जो शरीर के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
नींद से उठते ही अगर सोशल मीडिया चेक करने लगते हैं तो दिमाग उसी में बंध जाता है और गैर.जरूरी जानकारियों से भर जाता है। दिन की शुरुआत तनाव और चिंता से करना सेहत के लिए ठीक कतई नहीं है। सुबह उठते ही मोबाइल फोन चेक करते हैं तो न चाहते हुए भी इंसान चिड़चिड़ापन का शिकार हो जाता है। सुबह के रूटीन की शुरुआत मोबाइल से होने पर स्वभाव में बदलाव आ सकता है। इसका कारण यही है कि सुबह उठकर मोबाइल में अलग कोई ऐसी बात देख ली जो नकारात्मक है तो इसका सीधा असर मूड पर पड़ता है। बात.बात पर गुस्सा आना और रक्त चाप का बढ़ना भी फ़ोन की वजह से हो सकता है। सुबह का पहला काम मोबाइल देखना हो तो नोटिफिकेशन देखने के बाद कई बाद दिमाग उसी विषय में सोचने लगता है। इससे दूसरे काम में मन नहीं लगता और ऐसा होने पर कार्यक्षमता पर असर पड़ता है।
रात को सोते समय भी मोबाइल और उठते समय भी मोबाइल देखने वालों के साथ तो स्थिति और खराब हो सकती है। नियमित रूप से ऐसा रूटीन फॉलो करने वाले डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं। इसकी वजह तुलना भी हो सकती है। सुबह उठते ही फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप स्टेटस आदि देख लेने से कई बार लोग तुलना में फंस जाते हैं। दूसरों की जीवनशैली देखकर परेशान हो जाते हैं और खुद से तुलना करने लगते हैं, जिसकी वजह से डिप्रेशन की स्थिति तक आ सकती है। एसलिए मोबाइल का प्रयोग जरा सोच समझ कर करे।