कदम, कदम बढ़ाए जा, ये जिंदगी……..

देहरादून। कदम,कदम बढ़ाए जा, खुशी के गीत गाए जा, ये जिंदगी है कौम की, कौम पे लुटाए जा। इसी जज्बे के साथ भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में  शनिवार को 333 जेंटल में कैडेट्स भारती सेना के अंग बने। थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे बतौर रिव्यूइंग आफिसर परेड की सलामी ली। पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद 333 जेंटलमैन कैडेट भारतीय सेना के अंग बन गए। 90 विदेशी कैडेट भी हुए पासआउट हुए। कुल 423 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना के अभिन्न अंग बन गए।आइएमए के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ। कंपनी सार्जेट मेजर अभिमन्यु कौशिक, रोहित कुमार, सूरज राय, प्रिंस राज, नितिन सुरेश व आजिंक्य कलसे ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली।

सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर एडवांस कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते परिमल पराशर की अगुआई में परेड के लिए पहुंचे। इसके बाद परेड कमांडर शिवकुमार सिंह चौहान ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली। इसके बाद आइएमए की पीओपी के मुख्य अतिथि भारतीय सेना प्रमुख जनरल मुकुंद नरवणे परेड मैदान में पहुंचे। जेंटलमैन कैडेट्स ने सलामी देकर उनका स्वागत किया। परेड की अनुमति देने के बाद वे निरीक्षण किया। आइएमए परेड में इस बार कोरोना के लिहाज से हर स्तर पर एहतियात दिखी । हर टुकडी में अमूमन दस कैडेट एक लाइन में होते हैं, पर इस बार इनकी संख्या आठ रखी गयी। ताकि कैडेटों के बीच दो मीटर की दूरी बरकरार रहे। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते परेड की भव्यता कम रही। कैडेटों के परिजन परेड में शामिल नहीं हो सके। वहीं कैडेट इस बार छुट्टी में अपने घरों को लौटने के बजाय अपनी-अपनी कमान में रिपोर्ट करेंगे। इस बार परेड सादगी से हुई। पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद पासिंग आउट बैच के 423 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए। इनमें 333 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिलें।वहीं आईएमए से तीन नेपाली कैडेट पास आउट होकर भारतीय सेना में अफसर बने। बता दें कि, भारतीय सेना में नेपाली नागरिकों को मौका दिया जाता है। इसके तहत ही इनका चयन हुआ है। जबकि 90 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, मालद्वीव, फिजी, पपुआ न्यू गिनी, श्रीलंका व वियतनाम की सेना का अभिन्न अंग बने। इसके बाद देहरादून स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 62 हजार 562 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया। इनमें मित्र देशों को मिले 2503 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।  इस बार यूपी के सबसे ज्यादा 66 कैडेट पास आउट हुए। हालांकि उत्तराखंड ने भी शीर्ष में जगह बनाई है। उत्तराखंड से इस बार 31 कैडेट सेना में अफसर बने। उत्तराखंड-बिहार के साथ संयुक्त रूप से तीसरे नंबर पर है। दूसरे नंबर पर 39 कैडेट के साथ हरियाणा है।

  • ये बने सर्वश्रेष्ठ कैडेट
  • स्वार्ड आफ आनर-आकाशदीप सिंह ढिल्लो
  • स्वर्ण मैडल शिवकुमार सिंह चौहान।
  • सिल्वर मैडल सक्षण राणा।
  • कांस्य मैडल-सूरज सिंह।
  • टीजी सिल्वर-भरत योगेंद्र।
  • सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट का खिताब डोनवान सोन वियतनाम।
  • चीफ आफ आर्मी स्टाफ बैनर-अलामिन/सिंहगढ।
  • भारत-चीन सीमा पर सब कुछ नियंत्रण में
देहरादून। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे ने कहा कि  भारत-चीन सीमा पर सब कुछ नियंत्रण में है। हमारी सीमाओं पर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। हम चीन के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं जो कोर कमांडर स्तर की वार्ता के साथ शुरू हुई है और स्थानीय स्तर पर समकक्ष रैंकों के कमांडरों की बैठकों के साथ इसका पालन हो रहा है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि हमारे द्वारा किए जा रहे निरंतर संवाद के माध्यम से हम सभी मतभेदों को खत्म कर लेंगे।  इससे पहले छह जून को भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की बातचीत हो चुकी है। इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया था तो वहीं, चीन का प्रतिनिधित्व कमांडर मेजर जनरल लियू लिन ने किया था। दोनों ही देशों की सरकारों ने बैठक के बाद सकारात्मक रुख जरूर अपनाया था, लेकिन जमीनी स्तर पर त्वरित परिणाम नहीं निकल सका है।

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