नाई , स्पा और सैलून वालों को करने होंगे ग्राहकों के सुरक्षा के बंदोबस्त

देहरादून।  केंद्रीय गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक  चार जून की गाइडलाइन में   संसोधन कर दिए गए हैं। कार्यस्थलों में भी सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने को नई मानक प्रचालन कार्य विधि (एसओपी) उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी और मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने जारी  कर दी है।कार्यस्थलों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को जिलाधिकारी को विभिन्न संस्थाओं के बीच प्रभावी तालमेल और त्वरित कार्रवाई के लिए जिला नोडल अधिकारी नामित किया गया है। सरकारी और निजी सभी दफ्तरों को गाइडलाइन के पालन को अनिवार्य रूप से लायजन ऑफिसर की तैनाती करनी होगी। ये ऑफिसर यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी कार्मिकों को कोविड संक्रमण की रोकथाम को प्रशिक्षण मिले। सरकार ने प्रदेश में नाई की दुकानों, स्पा और सैलून में भी कर्मचारियों और ग्राहकों की थर्मल स्कैनिंग, हैंड सैनिटाइजेशन, शॉप सैनिटाइजेशन समेत सुरक्षा के तमाम बंदोबस्त भी अनिवार्य कर दिए हैं। नई एसओपी के मुताबिक शहरी नगर निगम क्षेत्रों में म्युनिस्पिल कमिश्नर, चीफ हेल्थ ऑफिसर अतिरिक्त नोडल अधिकारी होंगे। नगरपालिका और नगर पंचायतों में अधिशासी अधिकारी अतिरिक्त नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी स्वास्थ्य नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। ये सभी जिला नोडल अधिकारी के रूप में डीएम की मदद करेंगे। सरकारी और निजी दफ्तरों में लायजन ऑफिसरों के लिए भी एसओपी जारी की गई है। इन पर दफ्तरों में फेस मास्क का उपयोग, कर्मचारियों के हाथों का नियमित सैनिटाइजेशन और दफ्तरों में समुचित सैनिटाइजेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। कोविड-19 के बढ़ते खतरे को देखते हुए अब सरकारी हो या निजी, सभी कार्यस्थलों पर बचाव संबंधी उपायों में ढील बरतने नहीं दी जाएगी। किसी भी सरकारी या निजी कार्यस्थल पर एक भी कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो दफ्तर में नामित लायजन अधिकारी को तुरंत जिला और स्वास्थ्य नोडल अधिकारियों को सूचित करना होगा। एक या दो मामलों में कार्यस्थल बंद नहीं होंगे, लेकिन कोरोना संक्रमितों की संख्या अधिक होने पर पूरे भवन को 48 घंटे तक बंद करना होगा। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी नई एसओपी में कार्यस्थलों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं। कार्यस्थलों में बचाव को क्या नहीं करना है, ऐसे निर्देशों का भी पालन करना होगा। सभी कार्मिकों को आरोग्य सेतु एप के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। कार्यस्थल पर किसी कार्मिक का टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने पर हेल्थ नोडल अधिकारी रिस्क असेसमेंट करेंगे।

 

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