डिग्री पाकर खिले छात्रों के चेहरे

जनमंच टुडे। रुड़की। आईआईटी रुड़की का आज दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया जिसमें कुल 1976 छात्र छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई जिसमें 1077 स्नातक छात्रों को डिग्री प्रदान की गई तथा 154 पीएचडी धारकों को डिग्री प्रदान की गई । आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर के के पंत ने बताया इस बार पिछले बार की तुलना में अधिक महिलाओं ने डिग्रियां प्राप्त की है और वह शोध के क्षेत्र में भी आगे आ रही है । उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति में सरकार ने शोध और विकास पर अधिक जोर दिया है तथा इसके लिए विशेष बजट का भी प्रावधान किया गया है इसके अलावा नवाचार को भी बढ़ावा दिया गया है । उन्होंने कहा वर्तमान परिवेश को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति में बदलाव किए गए हैं इससे भारत के शिक्षण संस्थान 2040 तक विश्व के चुनिंदा शिक्षण संस्थानों में शामिल होंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर विशेष जोर दिया है । उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के बाद आईआईटी रुड़की ने भी अपने पाठ्यक्रमों में बदलाव किया है और संस्थान देश के कई नामी संस्थानों के लिए शोध कर रहा है इसमें सेना भी शामिल है और नई शिक्षा नीति से शोध के क्षेत्र में काफी विस्तार हुआ है । उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में रोजगार परक शिक्षा नीति पर जोर दिया गया है जिसको देखते हुए आई आई टी रुड़की ने भी नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए है । ताकि छात्र छात्राएं अपने सामाजिक दायित्व को पूरा करते हुए आत्मनिर्भर बन सकें । गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाली बीटेक की छात्रा काव्या सक्सेना को राष्ट्रपति अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया उन्होंने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें शिक्षा के साथ-साथ अन्य स्तर पर भी काम करने तथा सामाजिक दायित्व को पूरा करने पर यह पुरस्कार मिला है इससे वह काफी खुश हैं उन्होंने भी नई शिक्षा नीति को छात्रों के लिए लाभकारी बताते हुए कहा कि यह गर्व की बात है कि नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को उनकी रूचि के अनुसार शिक्षा के अवसर प्रदान करने में सहायता मिल रही है उन्होंने कहा कि इसकी व्यवहारिक दिक्कतों के बारे में बाद में पता चलेगा जिसके हल के लिए भी नए रास्ते तलाशने होंगे ।
राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता आर्य जैन ने कहा कि उन्होंने अपने विषय पर फोकस करते हुए एकाग्रता से पढ़ाई की जिससे उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ है उन्होंने कहा कि उन्हें संस्थान के प्रतिभावान लोगों से भी काफी कुछ सीखने को मिला इससे उन्हें काफी सहायता मिली उन्होंने कहा कि आईआईटी रुड़की में हर क्षेत्र में शोध के लिए प्रोत्साहन मिलता है और विशेषज्ञ लोग छात्रों का मार्गदर्शन करने के लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं जिससे छात्रों को सफलता मिलती है ।