सूर्यदेव पर हौले-हौले ‘शिकंजा’ कसने लगे चंदा मामा

देहरादून। इस साल के सबसे बड़े सूर्यग्रहण में चंद्रदेव  हौले, हौले सूर्यदेव पर भारी पड़ने लगे हैं। यानी सूर्यग्रहण  धीरे, धीरे चरम की ओर बढ़ रहा है। दून में हल्के बादल छाने के बावजूद सूर्यग्रहण दिखाई दे रहा है और सूर्य का तेजस्व कुंद पड़ने लगा है।

  • ऐसा होगा अदभुत नज़ारा

जब सूरज उत्तरायण के अंतिम बिंदु कर्क रेखा पर पहुंचेगा, तब दोपहर को आकाश में एक अदभुत नज़ारा दिखाई देगा। इस सूर्यग्रहण में आपको सूर्य के साथ चंद्रमा भी दिखेगा, लेकिन चन्द्रमा के सूर्य और पृथ्वी की सीध में होने  के कारण यह चमकता हुआ नहीं  बल्कि काली छाया के रूप में दिखाई देगा। साल के सबसे बड़े दिन खंडग्रास सूर्यग्रहण की यह अनोखी खगोलीय घटना होगी।  हरियाणा और उत्तराखंड में सूर्य  चमचमाते कंगन के रूप में दिखाई देगा, लेकिन देश के अन्य प्रदेशों में यह हंसियाकार रूप में  दिखाई देगा। ग्रहण 9 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और 12.10 बजे  पूर्ण ग्रहण लगेगा। इस दौरान कुछ देर के लिए  धरती पर हल्का अंधेरा  छा जाएगा।  3.04 बजे ग्रहण समाप्त होगा। ग्रहण करीब 6 घंटे लंबा होगा। भारत में वलयाकार सूर्य ग्रहण की शुरुआत पश्चिम राजस्थान से होगी और इसे देखने वाला पहला शहर घरसाना होगा। वलयाकार सूर्य ग्रहण राजस्थान के अनूपगढ़, श्रीविजयनगर, सूरतगढ़ और एलेनाबाद से होते हुए हरियाणा के सिरसा, रतिया (फतेहाबाद), जाखल, पिहोवा, कुरुक्षेत्र, लाडवा, यमुनानगर से जगदरी और फिर उत्तर प्रदेश के बेहट जिले से गुजरेगा। वलयाकार ग्रहण उत्तराखंड के देहरादून, चंबा, टिहरी, अगस्त्यमुनि, चमोली, गोपेश्वर, पीपलकोटी, तपोवन तथा जोशीमठ से  दिखाई देगा । जोशीमठ भारत का अंतिम स्थान है जहाँ से ग्रहण देखा जा सकेगा। जोशीमठ में 10 बजकर 27 मिनट और 43 सेकेंड को ग्रहण का पहला संपर्क होगा। कंगनाकार सूर्यग्रहण कुरुक्षेत्र  सबसे अच्छा दिखाई देगा।  12 बजे 27 सेकंड के लिये यह चमचमाते कंगन के रूप में सूर्य दिखने लगेगा। इसके अलावा देहरादून से भी 9 सेकंड के लिये वलयाकार सूर्य दिखाई देगा। देहरादून में वलयाकार सूर्यग्रहण का समय सुबह 10 बजकर 24 मिंट से शुरू होगा और एक बजकर 50 मिंट पर खत्म होगा।  इस दौरान  वलयाकार सूर्य ग्रहण – दोपहर 12.05 बजे  दिखाई देगा। कुमाऊं में ग्रहण 10 बजकर 26 मिनट से  शुरू होगा और एक बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगा यहाँ पर वलयाकार सूर्यग्रहण 12 बजकर  9 मिनट पर दिखाई देगा। उत्तराखंड, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के कुछ स्थानों पर ग्रहण कंगन के आकार में  दिखाई देगा। जबकि शेष देश में खंडग्रास( मुड़ी हुई दरांती) की तरह दिखाई देगा।

राशियों पर  पड़ेगा ग्रहण का प्रभाव
शुभ: मेष, सिंह, कन्या, मकर
ठीक नहीं: मिथुन, कर्क, वृश्चिक, मीन
मिश्रित: वृषभ, तुला, धनु और कुंभ

 

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