पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाएं रामभरोसे : शैलेन्द्र

- प्रदेश के ग्रामीण अंचल की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल ।
- पहाड़ की जनता बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को तरसी
- पहाड़ के अस्पतालों को दुरुस्त करे सरकार,
देहरादून। बढ़ती महंगाई और राज्य की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर पहाड़ी पार्टी ने रोष जताया है और सरकार से बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने की मांग की है। पहाड़ी पार्टी के चौबट्टाखाल विस क्षेत्र के अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आज पूरे उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवायें पूरी तरह सेे चरमरा गई है। बदहाल व्यवस्था की कीमत लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है।पहाड़ी पार्टी के चौबट्टाखाल विस क्षेत्र के अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण अंचल की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल है। जिससे लोगों को समुचित स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के चलते विगत दिनों रिखणीखाल की एक गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि अगर रिखणीखाल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होती तो महिला की जान बच सकती थी। रावत ने कहा कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल होने से महिला को मीलों दूर वाहन से कोटद्वार ले जाना पड़ा। उसके बावजूद उसकी जान नहीं बच सकी।
उन्होंने कहा कि यह पहाड़ का दुर्भाग्य ही है कि जिस उद्देश्य को लेकर जनता ने अलग राज्य की लड़ाई लड़ी थी, राजनैतिक महत्वाकांक्षा के चलते उसे हाशिये पर डाल दिया गया। शैलेन्द्र ने कहा कि जनसंघर्ष के बाद राज्य तो बना लेकिन लोगों को वह सुविधाए नहीं मिल पाई जिसकी कल्पना उन्होंने की थी। आज भी जनता को न तो रोजगार मिला, न बेहतर शिक्षा मिली, न बेहतर स्वास्थ्य सुविधाए । रावत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को अपने गांव के आसपास ही स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खोले गए स्वास्थ्य केन्द्रों पर अधिकांश पर डॉक्टर की तैैनाती न होने से उनमें ताले लटके हुए हैं जिससे लोगों को मजबूरन इलाज के लिए मैदानी क्षेत्रों के अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है। शासन ने लाखों रुपए खर्च करके अस्पताल के ढांचे खड़े कर तो दिए, लेकिन सुविधाएं नही दे सकी, उनमे न डॉक्टर है न दवा । ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनाने के लिए सरकार कोई पहल नहीं कर रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार से पहाड़ में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने की माँग की है।