भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा 23 करोड़ का नाला

हरिद्वार। नाले का निर्माण जी का जंजाल बन हुआ है। निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही नाले में दरारे साफ दिखाई देने लगी है। वहीं एक गांव में नाला पूरी तरह टूट कर बिखर गया है। ऐसे में नाला निर्माण का उद्देश्य पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। कई बार शिकायत करने के बाद भी विभागीय अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंगी। अब कबिना मंत्री ने मामले की जांच का आदेश दिए है। इससे नाले के हालात में सुधार का संकेत मिले है।
बताते चले कि निर्मल गंगा, अविरल गंगा योजना का तहत गंगा को निर्मल बनाने के लिए जगजीतपुर से लेकर रानिमाजरा तक करीब 13 किमी लंबाई का नाला बनाया जा रहा है। नाले की लागत 23 करोड़ बताई जा रहीं है। विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर रहे है। लिहाजा नाला पूरा होने से पहले ही दरकने लगा है। बार बार शिकायत करने पर भी विभागीय अधिकारियों ने संज्ञान नहीं लिया। इसके बाद कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के सामने मामला उठाया गया। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने मौके जांच का आदेश दिए। गौरतलब है कि गंगा को प्रदूषण से बचाने और ग्रामीणों को सिंचाई की सुविधा देने के लिए ही नाले का निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन भ्रष्टाचार के चलते मंसूबा पूरा होता नजर नहीं आने के बाद ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया। कटारपुर के ग्राम प्रधान ने विशेष भूमिका निभाई।