हमें अपने जंगलों को बचाना है : शाह

हरेला पर्व पर ग्राम धुयेली से पोषण वाटिका का शुभारंभ 
ऊखीमठ। हरेला पर्व पर जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में वन, उद्यान, रिलायंस व अन्य विभागों द्वारा कुल 03 लाख 69 हजार 549 पौधों का किया गया रोपण।
जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा ग्राम पंचायत के पौधों के लिये गाड़ी को हरी झंडी देकर रवाना किया। प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय परिसर जवाड़ी में जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक केदारनाथ, पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली, जिलाधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व अन्य जनप्रतिनिधियों व जिलास्तरीय अधिकारियों द्वारा विभिन्न चारा प्रजाति, फलदार पौधों का रोपण किया गया। कवि ओमप्रकाश सेमवाल, जगदम्बा चमोला व मुरली दीवान ने धार्मिक और पर्यावरण पर्व हरेला के अवसर पर प्रकृति प्रेम, हिमालय, गंगा की महत्ता पर अपनी कविताओं के माध्यम से प्रकाश डाला।
जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह ने समस्त जनपदवासियों को हरेला पर्व की शुभकामनाएं देते हुये कहा कि हमें अपने जंगलों को बचाना है। विधायक केदारनाथ मनोज रावत ने कहा कि वन विभाग को जनपद में इको टूरिज्म को बढ़ाने के लिये प्रदेश के सफलता के मॉडल को अपनाने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी वंदना ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हेतु वन पंचायत, स्वयं सहायता समूह व महिला मंगल दल की क्षमताओं का विकास कर उपयोग कर सकते है। प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार ने कहा कि वन विभाग का लक्ष्य है कि वन से जन को जोड़ने का पूर्ण प्रयास किया जा रहा है। वनों के प्रबंधन में अधिकतम लोगो की सहभगिता सुनिश्चित की जायेगी।


इससे पूर्व ग्राम पंचायत कमेड़ा के राजस्व ग्राम धुयेली में जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग के सहयोग व रिलायंस फाउंडेशन रुद्रप्रयाग के द्वारा हरेला पर्व पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे जिलाधिकारी वंदना ने आंवला पौधे का रोपण किया। राजस्व ग्राम धुँयेली के गंगा नाली तोक में आंवला के 100 पौधो का रोपण कार्य किया गया साथ ही गाँव के बच्चो द्वारा गांव के रास्तो पर फूल के पौधो का रोपण किया गया।
जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा राजस्व ग्राम धुयेली की 20 नाली भूमि पर पोषण वाटिका का भी शुभारम्भ किया गया जिसका संचालन ग्राम की उन्नति महिला किसान स्वयं सहायता समूह द्वारा किया जाएगा। पोषण वाटिका का उद्देश्य गांव की महिलाओ व बच्चो को संतुलन आहार उपलब्ध कराना है। पहाड़ो में महिलाओं की घरेलू कार्य में संलिप्त होने के कारण पौष्टिक संतुलित आहार नहीं ले पाती जिससे उनमें खून व अन्य पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। खून की कमी व अन्य पौष्टिक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए पोषण वाटिका बनायीं जा रही हैं जिसमे कम से कम 6 प्रकार की सब्जियों का उत्पादन होगा। साथ ही मेड़ो पर दाल व कुछ फलदार पौधो का रोपण भी किया जायेगा जिसका उपभोग महिला के परिवार के प्रत्येक सदस्य करेगा।

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