चमोली जिले के तीन गांव मशरूम उत्पादन के मॉडल के रूप में विकसित होंगे
गोपेश्वर। चमोली जिले के गैरसैंण विकासखण्ड के आदिबदरी, खेती और थापली गांवों को मशरूम उत्पादन के मॉडल के रूप में विकसित करने की कवायद शुरु हो गई है। इन गांवों में कृषि और उद्यान विभाग की ओर से जहां गांवों में मशरूम शेड का निर्माण शुरु कर दिया गया है, वहीं काश्तकारों को कम्पोस्ट वितरण के साथ ही क्षेत्र के 10 काश्तकारों को प्रशिक्षण के लिए हरिद्वार भेजा गया है। योजना का उद्देश्य जिले में मशरूम उत्पादन बढाना और प्रशिक्षण के लिये बाहरी क्षेत्रों पर निर्भरता कम करना है। मुख्य कृषि अधिकारी जय प्रकाश तिवाड़ी ने बताया कि जिला योजना और मनरेगा के सहयोग से गांवों में एक स्वयं सहायता समूह और 28 काश्तकारों के साथ योजना का क्रियान्वयन शुरु किया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष जिले में एक महिला स्वयं सहायता समूह और 20 काश्तकारों के साथ संचालित योजना से जिले में 30 कुंतल मशरूम का उत्पादन किया गया था। ऐसे में गैरसैंण क्षेत्र में शुरु की गई योजना के बाद जिले में मशरूम का उत्पादन बढ़कर 45 से पचास कुंतल होने की आशा है।