मलबे में दफन हो गई ‘मेहनत की फसल’

ऊखीमठ। गुरूवार मध्य रात्रि को क्यूजा घाटी की ग्राम पंचायत कणसिली के पिगलापाणी तोक के ऊपरी हिस्से में बादल फटने के कारण मान गदेरे के उफान में आने से काश्तकारों की सिचित, असिचित भूमि की फसलें, गाँव में बना स्नानागार, सिचांई नहर, पेयजल लाइने, गाँव को जोड़ने वाले पुल व सम्पर्क मार्ग, बिधुत लाइन क्षतिग्रस्त हो गयी है तथा दो ग्रामीणों के शौचालय भी क्षतिग्रस्त हो गयें है! बासवाडा – मोहनखाल मोटर मार्ग पर यातायात ठप हो गया है! पेयजल लाइनों के क्षतिग्रस्त होने से गाँव में पेयजल संकट बना हुआ है।

गाँव के अन्तर्गत चार मकानों को खतरा बना हुआ है। गाँव के मध्य मान गदेरे में पूर्व में बनी सुरक्षा दीवालों के कारण कई मकाने सुरक्षित है नहीं तो प्रकृति  बड़ी तबाई मचा सकती थी। जानकारी देते हुए प्रधान अंजू देवी ने बताया कि गुरूवार मध्य रात्रि को लगभग तीन बजे क्यूजा घाटी में मूसलाधार बारिश होने के कारण ग्राम पंचायत कणसिली के पिगलापाणी तोक के ऊपरी हिस्से में बादल फटने से मान गदेरा उफान में आने के कारण गाँव में अफरा – तफरी मच गयी, लोग सुरक्षित  जगहों मे जाने लगे। उन्होंने बताया कि मान गदेरे के उफान में आने के कारण हिन्दनगर, क्यूजा, पिगलापाणी, व कणसिली के लगभग 127 से अधिक उपजाऊ भूमि की फसलें, साग – भाजी की फसलें मलवे में दब गयी। उन्होंने बताया कि पिगलापाणी गाँव के अन्तर्गत महिला स्नानागार, विनोद लाल, दिनेश लाल का शौचालय क्षतिग्रस्त हो गया तथा सतपाल के मकान के आगे का पुस्ता टूटने से उनकी, दिनेश लाल, दिलवर लाल, सुरेन्द्र लाल की मकानों को खतरा बना हुआ है।

पूर्व प्रधान रघुवीर लाल ने बताया कि गाँव को जोड़ने वाले दो पुल, सिचाई नहर, सम्पर्क मार्ग, पेयजल योजनायें भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है तथा गाँव में पेयजल संकट गहरा गया है। उन्होंने बताया कि बासबाडा – मोहनखाल मोटर मार्ग मान गदेरे के उफान में आने के कारण मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त होने से यातायात बाधित हो गया है।  सामाजिक कार्यकर्ता सतपाल ने बताया कि यदि गाँव के मध्य पूर्व में सुरक्षा दीवालों का निर्माण नहीं किया गया होता तो कई मकानों को भारी नुकसान हो सकता था! उन्होंने बताया कि गाँव में बिजली आपूर्ति ठप होने से लोगों को रात्रि गुजारने की चिंता सत्ता रही है।

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