राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा की

अल्मोड़ा। अपर सचिव उत्तराखंड शासन प्रकाश चंद्र आर्य ने आज विकास भवन सभागार में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। शासन स्तर से नामित नोडल अधिकारी के तौर पर श्री आर्य ने विकासखंड हवालबाग एवं भैंसियाछना में संचालित जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वजल, मनरेगा, किसान सम्मान निधि योजना, मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना जैसी विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन योजनाओं का लाभ ग्रामीण स्तर पर लोगों तक पहुंचना सरकार की मंशा है, इसलिए अधिकारी योजनाओं का लाभ लोगों को दिलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी इसे अपनी ड्यूटी ही नहीं बल्कि अपनी जिम्मेदारी भी समझें। कहा कि सरकार का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी जनहित के लिए नियुक्त होता है, इसलिए जनहित को सर्वोपरि स्थान दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन योजना केंद्र सरकार की बहुत महत्वाकांक्षी योजना है, इस योजना से देश के सभी नागरिकों को पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी है, इसलिए अधिकारी इस योजना में जो भी काम अधूरे हैं उन्हें समय से पूरा करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि हर एक योजना अपने आप में महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि लोगों की जरूरत के अनुसार योजनाओं का निर्माण होता है, इसलिए सभी योजनाओं पर काम किया जाना चाहिए। अधिकारी अन्य विभागों के अधिकारियों से समन्वय बनाकर कार्यों को करेंगे तो कार्य बहुत आसान हो जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम का उद्देश्य भी यही है, कि समय समय पर संचालित योजनाओं की धरातल पर जानकारी प्राप्त करना तथा लोगों की समस्याओं को उनके द्वार पर जाकर सुनना। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के द्वार एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जो अधिकारी सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम में सम्मिलित हैं, वह अपने अपने भ्रमण जरूर करें एवं विभागीय अधिकारियों से समन्वय बनाकर लोगों की समस्याओं का अधिक से अधिक निस्तारण करें।
उन्होंने मनरेगा योजना की समीक्षा के दौरान कहा कि खंड विकास अधिकारियों को इस योजना को धरातल पर उतरने के लिए ज्यादा सजग होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि योजना ऐसी बनाई जाएं जिसमें जनहित जुड़ा हो तथा अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हों। उन्होंने कहा कि वर्षा जल संग्रह एवं जल संरक्षण जैसे कार्यों को इस योजना में बढ़ावा दिया जाए।
उन्होंने कहा कि हमारे देश की अधिक आबादी गांवों में निवास करती है, इसलिए गांव के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की गई हैं, उन योजनाओं की जिम्मेदारी सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारी पर बहुत ज्यादा निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों में तालमेल की कमी नहीं रहने चाहिए। बैठक में जिला विकास अधिकारी एसके पंत एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी आराधना त्रिपाठी ने पी पी टी के माध्यम से अपर सचिव को संचालित योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी।

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