इंटरनल टैग से मिलेगी घोड़ा-खच्चरों के स्वास्थ्य की  जानकारी

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा में इस बार भी घोड़ा-खच्चरों पर इंटरनल टैग स्थापित किया जाएगा। जानवर के गले की त्वचा की पहली सतह पर इंजेक्शन से इंटरनल टैग लगाया जाएगा, जिससे पूरे यात्राकाल में जानवर की नियमित मॉनीटरिंग होगी। साथ ही उसके स्वास्थ्य के साथ ही पशु स्वामी और संचालक के बारे में भी जानकारी मिलेगी। पशुपालन विभाग द्वारा जल्द ही पशु चिकित्सा शिविर आयोजित कर घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण शुरू किया जाएगा। इस बार शासन व जिला स्तर से भी यात्रा के लिए चिकित्सक और अन्य कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी गई है। साथ ही ज्वाइंट डायरेक्टर स्तर के अधिकारी को यात्रा का नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
आगामी 2 मई से शुरू हो रही केदारनाथ यात्रा में इस वर्ष भी पहले चरण 4000 से 5000 घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण किया जाएगा। स्वास्थ्य जांच और अन्य जरूरी कार्रवाई पूरी होने के बाद ही पंजीकरण होगा। जानवर के गले की त्वचा की पहली सतह पर इंजेक्शन से एक चिप स्थापित की जाएगी। इस चिप में संबंधित जानवर के स्वास्थ्य रिपोर्ट के साथ ही उसके स्वामी और संचालक के बारे में पूरी जानकारी अपलोड होगी, जिसे हैंडहेल्ड यूएचएफ रीडर से स्कैन किया जाएगा। इसके अलावा, पशुपालन विभाग द्वारा सोनप्रयाग और गौरीकुंड में घोड़ा-खच्चरों की जांच व इलाज के लिए अस्थायी अस्पताल संचालित किए जाएंगे। साथ ही पैदल मार्ग पर भी चिह्नित स्थानों पर घोड़ा-खच्चरों की जांच व इलाज के लिए अस्थायी चिकित्सालय स्थापित कर यहां रोस्टर के हिसाब से पशु चिकित्सक और अन्य कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। यही नहीं, पशुपालन विभाग प्रशासन मदद से म्यूल टॉस्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिसकी मदद से पूरे पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चरों की नियमित मॉनीटरिंग होती रहेगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *