उत्तराखंड देवभूमि के साथ वीरभूमि : पोखरियाल
उत्तकाशी। उत्तरकाशी में आज उत्तराखंड सरकार के तीन साल पूर्ण होने के अवसर पर उत्तरकाशी के आजाद मैदान में जिले में विधानसभा क्षेत्रों के स्तर पर भव्य समारोह आयोजित किए गए। इस किया। आयोजित जिला स्तर के मुख्य कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते एवं दीप प्रज्वलित किया और साथ कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड में उल्लेखनीय विकास हुआ है और जनहित में निरंतर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं। यूसीसी, सख्त भू-कानून, नकल विरोधी कानून लागू करने के ऐेतिहासिक और साहसिक निर्णयों के जरिए राज्य सरकार ने उत्तराखंड की बेहतरी के लिए ठोस काम करने के साथ ही समारोहों में बड़ी संख्या में स्थानीय जनता ने प्रतिभाग कर ‘सेवा-सुशासन और विकास के तीन वर्ष‘ का हर्षोल्लास के साथ जश्न मनाने के साथ ही राज्य की बेहतरी के लिए सरकार के प्रयासों में प्रतिबद्धता से सहयोग करने का संकल्प व्यक्त किया गया। इस अवसर पर राज्य में हुए विकास कार्यों पर प्रकाशित विकास पुस्तिका का विमोचन भी किया गया और बहुद्देश्यीय शिविर एवं चिकित्सा शिविरों का भी आयोजन किया गया। इस मौके पर विभिन्न विभागों की योजनाओं के लाभार्थियों को योजना राशि के चैक एवं सामग्रियां वितरित की गई तथा अनेक जन-सेवाएं भी उपलब्ध कराई गई। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भव्य प्रस्तुतियां भी आयोजित की गई तथा बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने पारंपरिक नृत्य कर अपनी खुशी का इजहार किया।
रामलीला मैदान उत्तरकाशी में आयोजित मुख्य समारोह में जुटे हजारों लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए डॉ. निशंक ने कहा कि राज्य गठन के बाद उत्तराखंड ने तेजी से प्रगति की है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा राज्य के बहुआयामी विकास के लिए पूरा सहयोग दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने हर्षिल-मुखवा क्षेत्र का भ्रमण कर शीतकालीन पर्यटन को प्रोत्साहित करने का अभूतपूर्व काम किया है, जिसके कारण आज हर्षिल क्षेत्र काफी प्रसिद्धि पा चुका है। उन्होंने कहा कि गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम की वजह से उत्तरकाशी जिला धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण होने के साथ ही पर्यटकों के आकर्षण का भी प्रमुख केन्द्र है। जिले में पर्यटन को बढावा देने तथा दूर-दराज के क्षेत्रों तक विकास का लाभ पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण काम हुए हैं। डॉ. निशंक ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ वीरभूमि है। इस राज्य का गठन लंबे संघर्ष के बाद हुआ है।