शिव स्तुति के साथ इगासर कौथिक का भव्य आगाज

एकेश्वर। देवभूमि के सबसे बड़े शक्तिपीठों में से एक एकेश्वर महादेव की वास स्थली एकेश्वर में हर वर्ष की तरह दो दिवसीय इगासर मेले का विधिवत शुभारंभ मनोकामना सिद्ध पीठ एकेश्वर महादेव की पूजा,अर्चना के साथ हुआ।

ऐतिहासिक, पौराणिक इगासर बैसाखी मेले के आगाज के साथ ही क्षेत्र में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले मेलों की शुरुआत हो गई। मेले का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य चैधार आरती नेगी ने कहा कि मेले सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में मेले ही एक दूसरे से मुलाकात का जरिया बनते थे, तब संचार की व्यवस्था नहीं थी। दुख-सुख साझा करते थे, लेकिन संचार क्रांति और पलायन के चलते मेले खत्म होते जा रहे हैं।

श्रीमती नेगी ने कहा कि मेले की विरासत को संरक्षित रखने के लिए सभी को एकजुट होकर परम्परा को संजोना होगा, ताकि नवीन पीढ़ी अपनी संस्कृति के जड़ों को समझ  सके और उससे जुड़ सके और आने वाली  पीढ़ियों तक यह विरासत अवरतन पहुंच सके। उन्होंने कहा कि मेले  के आयोजन से स्थानीय हुनर, लोककला और प्रतिभा को भी मंच मिलता है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कुटीर उद्योगों को भी ग्लोबल होने का मौका मिलता है।

दो दिनों तक चलने वाले इस मेले के दौरान सांस्कृतिक संध्याओं के साथ-साथ दिन में भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जिससे स्थानीय लोक कलाकारों को मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर मिल रहा है। मेले के पहले दिन क्षेत्र की 40 ग्राम सभाओं की महिला मंगल दलों एवं स्वयं सहायता समूहों  की महिलाओं ने पारंपरिक लोक नृत्य की रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। मेले में हास्य कलाकार संदीप ने अपने चुटकुलों से लोगों को खूब गुदगुदाया उन्होंने चुटकलों के माध्यम से पहाड़ में फैली कुरीतियों पर तंज कसे।

झांकी एवं लोक नृत्य की प्रतियोगिताओं का निर्णय आशीष नेगी, नरेश सुंदरियाल, सरिता जोशी, एवं मनोज भट्ट ने किया। क्षेत्र के समाजसेवियों का कहना है कि क्षेत्र के सांस्कृतिक संरक्षण के लिए ऐतिहासिक पौराणिक एकेश्वर मेले की भव्यता के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास होना चाहिए।

इस अवसर पर मेला समिति के अध्यक्ष नरेंद्र नेगी, सुनील रावत, प्रकाश जदली, पंकज पोखरियाल, स्वरूप धस्माना, सामाजिक कार्यकर्ता  पुष्पेन्द्र राणा, हरीश बडोला, पंकज पांडे, हरिओम पांडेय, कुलदीप जोशी, चंद्रमोहन बडोला,  सहित हजारों मेलार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन गणेश खुगशाल गणी ने किया।

 

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