फर्जी तबादला कांड में मिलीभगत से हड़कंप
देहरादून। देहरादून के आरटीओ विभाग में हुए फर्जी तबादला आदेश में पुलिस जांच पूरी हो गई है और दून पुलिस ने जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है। सूत्रों का कहना है कि इसमें पुलिस ने फर्जी ट्रांस्फर लैटर तैयार करने वाले आरोपी कुलबीर सिंह और अपर आयुक्त की मिलीभगत पाई है। पुलिस जांच में पता चला है कि अपर आयुक्त और कुलबीर सिंह के बीच पिछले लंबे समय से ट्रांसफर को लेकर बातचीत चल रही थी। 26 जून को देहरादून के आरटीओ में हुए फर्जी तबादला आदेश से हड़कंप मच गया था, जिसके अनुसार अपर आयुक्त परिवहन सुधांशु गर्ग को आरटीओ देहरादून की जिम्मेदारी दी गई थी और मौजूदा आरटीओ दिनेश चन्द पठोई को शासन में बैठा दिया गया था। मौजूदा आरटीओ दिनेश चन्द पठोई ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया और मामले की गम्भीता को देखते हुए डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने जांच के लिए एक एसआइटी का गठन किया। इसके बाद केस के मुख्य आरोपी कुलबीर सिंह को गिरफ्तार किया गया था और उससे पूछताछ के बाद उसने माना कि फर्जी तबादला आदेश उसी ने बनाया था। एसआईटी की जांच में सुधांशु गर्ग और आरोपी की मिलीभगत सामने आई। यह मामला एक डील से शुरू हुआ था जो आरोपी कुलबीर सिंह और उप-आयुक्त सुधांशु गर्ग के बीच हुई थी। इसमें उप-आयुक्त सुधांशु गर्ग को आरटीओ देहरादून का पद मिलना था और बदले में आरोपी कुलबीर को देहरादून सिटी बसों का परमिट दिया जाना था। कुलबीर के नेताओं और अधिकारियों के साथ संबंध होने के चलते सुधांशु गर्ग भी कुलबीर के झांसे में आ गए और फर्जी ट्रांसफर ऑर्डर को सही समझ कर आरटीओ में अपनी पोस्टिंग लेने निकल पड़े। वहां पहुंचकर पता चला कि यह तो पूरा मामला ही फर्जी है।