कक्षा छह से शुरू होगा कौशल विकास कोर्स

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने  नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी। नई शिक्षा नीति में 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। अभी तक देश में स्कूली पाठ्यक्रम 10+2 के हिसाब से चलता था, लेकिन अब ये 5+ 3+ 3+ 4 के हिसाब से  चलेगा। इसका मतलब है  प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक एक हिस्सा, तीसरी से पांचवीं तक दूसरा हिस्सा, छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा और नौंवी से 12 तक आखिरी हिस्सा होगा।

क्या है 5+3+3+4 फार्मेट का सिस्टम-

नई शिक्षा नीति- स्कूल शिक्षा का नया ढांचा, 5+3+3+4 फार्मूला

फाउंडेशन स्टेज
पहले तीन साल बच्चे आंगनबाड़ी में प्री-स्कूलिंग शिक्षा लेंगे। फिर अगले दो साल कक्षा एक एवं दो में बच्चे स्कूल में पढ़ेंगे। इन पांच सालों की पढ़ाई के लिए एक नया पाठ्यक्रम तैयार होगा। मोटे तौर पर एक्टिविटी आधारित शिक्षण पर ध्यान रहेगा। इसमें तीन से आठ साल तक की आयु के बच्चे कवर होंगे। इस प्रकार पढ़ाई के पहले पांच साल का चरण पूरा होगा।

प्रीप्रेटरी स्टेज
इस चरण में कक्षा तीन से पांच तक की पढ़ाई होगी। इस दौरान प्रयोगों के जरिए बच्चों को विज्ञान, गणित, कला आदि की पढ़ाई कराई जाएगी। आठ से 11 साल तक की उम्र के बच्चों को इसमें कवर किया जाएगा।

मिडिल स्टेज
इसमें कक्षा 6-8 की कक्षाओं की पढ़ाई होगी तथा 11-14 साल की उम्र के बच्चों को कवर किया जाएगा। इन कक्षाओं में विषय आधारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। कक्षा छह से ही कौशल विकास कोर्स भी शुरू हो जाएंगे।

सेकेंडरी स्टेज
कक्षा नौ से 12 की पढ़ाई दो चरणों में होगी जिसमें विषयों का गहन अध्ययन कराया जाएगा। विषयों को चुनने की आजादी होगी।

नई शिक्षा नीति 2020 : स्कूलों में अब इस तरह देखी जाएगी बच्चे की परफॉर्मेंस, रिपोर्ट कार्ड में होंगे बदलाव।

पहले यह थी व्यवस्था
पहले सरकारी स्कूलों में प्री-स्कूलिंग नहीं थी। कक्षा एक से 10 तक सामान्य पढ़ाई होती थी। कक्षा 11 से विषय चुन सकते थे।

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