उत्तरकाशी वन प्रभाग बनेगा हिम तेंदुए का ऐशगाह
देहरादून। उत्तरकाशी वन प्रभाग क्षेत्र में स्नो लेपर्ड अब आराम से विचरण कर सकेंगे। उत्तरकाशी वन प्रभाग के भैरों घाटी के लंका नामक स्थान पर संरक्षण केन्द्र बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत एवं वन विभाग के अधिकारियों के साथ इसे लेकर बैठक की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में हिम तेंदुओं की गणना की जाय। हिम तेंदुओं के सरंक्षण एवं इनकी संख्या में वृद्धि के लिए विशेष प्रयास किये जाय। पिछले कुछ वर्षों में जिन क्षेत्रों में हिम तेंदुए देखे गये हैं। स्थानीय लोगों एवं सैन्य बलों के सहयोग वन विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्र चिन्हित किये जाय। ऐसे क्षेत्रों में ग्रिड बनाकर इनकी गणना की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम तेंदुए एवं अन्य वन्य जीवों के संरक्षण से राज्य में विन्टर टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में वन्य जीवों की अनेक प्रजातियां हैं, जो पर्यटकों के आर्कषण का केन्द्र बनती है। वन्य जीवों की लुप्त हो रही प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में प्रयासों की जरूरत है। आज वन्य जीवों के संरक्षण के लिए लोग भी जागरूक हैं। उत्तराखण्ड के प्राकृतिक एवं नैसर्गिक सौन्दर्य में वन एवं वन्य जीवों का महत्वपूर्ण योगदान है।
बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तरकाशी एवं पिथौरागढ़ जनपद में हिम तेंदुए अधिक मात्रा में देखे गये हैं। अभी तक इनकी गणना नहीं की गई है। विभिन्न शोधों के आधार पर उत्तराखण्ड में अब तक 86 हिम तेंदुए हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पिछले कुछ सालों में वन्य जीवों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस अवसर पर प्रो. एन. फिन्स्ट्रा ने हिम तेंदुए के संरक्षण केन्द्र पर विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया।