भारी बारिश बढ़ा रही लोगों के दिलों की ‘धड़कन’
ऊखीमठ। तुंगनाथ घाटी में हो रही मूसलाधार बारिश से आम जनजीवन अस्त – व्यस्त हो गया है! आकाशकामिनी नदी के उफान में आने के कारण कई स्थानों पर भूधसाव होने से कई तोक खतरे की जद में आ गये है । कुण्ड – चोपता मोटर मार्ग पर मस्तूरा के निकट ऊपरी पहाड़ी से मलवा आने से मोटर मार्ग जानलेवा बना हुआ है।आकाशकामिनी नदी के किनारो हो रहे भू धसाव की यदि समय पर रोकथाम नहीं की गयी तो जीआईसी दैडा़ भी खतरे की जद में आ सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार तुंगनाथ घाटी में हो रही मूसलाधार बारिश से बरंगाली – रोडू पैदल मार्ग पर आकाशकामिनी नदी पर बनी पुलिया क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीण को मीलो दूर से आवाजाही करने पड़ रही है! जानकारी देते हुए ग्रामीण महिपाल बजवाल ने बताया कि आकाशकामिनी नदी के किनारे हो रहे भूधसाव से ताला तोक को खतरा बना हुआ है, उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में यदि आकाशकामिनी नदी के जल स्तर में वृद्धि होती है तो ताला तोक के 7 दुकानों व 25 परिवारों को खतरा बन सकता है! पूर्व प्रधान प्रदीप बजवाल ने बताया कि जी आई सी दैडा़ के निचले हिस्से में भी भूधसाव शुरू हो गया है तथा भविष्य में भूधसाव अधिक होता है तो विधालय भवन खतरे की जद में आ सकता है! प्रधान दैडा़ योगेन्द्र नेगी ने बताया कि कुण्ड – चोपता मोटर मार्ग पर मस्तूरा में विगत कई वर्षों से भूधसाव होने के कारण मोटर मार्ग जानलेवा बना हुआ है।
उन्होंने बताया कि उक्त स्थान राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा कुण्ड – चोपता तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा मस्तूरा – दिलमी मोटर मार्ग पर प्रति वर्ष बरसात के समय जेसीबी मशीनें लगाकर लाखों रुपए व्यय तो किये जाते हैं मगर आज तक दोनों मोटर मार्गों के बीच हो रहे भूधसाव का समाधान नहीं हो सका है! उन्होंने बताया कि भविष्य में यदि दोनों मोटर मार्गों के मध्य हो रहे भूधसाव का समाधान नहीं किया गया तो दोनों मोटर मार्गों का नामोनिशान मिट सकता है तथा तुंगनाथ घाटी के दर्जनों गाँवों का सम्पर्क तहसील मुख्यालय से कट सकता है।