अब ब्रांडेड हेलमेट पहनना ज़रूरी, नहीं तो एक हज़ार जुर्माना
नई दिल्ली। कोरोना के चलते लोगों के आय के साधनों पर ब्रेक लग गया है और रोजगार के कमी के चलते परेशान है, ऐसे मे केन्द्र सरकार जनता की परेशानी कम करने के बजाए और बढ़ा रही है। तेल के दामों में वृद्धि के चलते आमजन पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रहा,अब केंद्र ने जनता के ऊपर एक सख्त आदेश लगाने जा रही है। दुपहिया सवार को अब कम्पनी का ब्रांडेड हेलमेट पहनने होगा। अगर आपका हेलमेट ब्रांडेड नही है तो आपको जुर्माने के तौर पर एक हज़ार की धनराशि देना होगा। दोपहिया सवारों के लिए सिर्फ ब्रांडेड हेलमेट पहनने, उत्पादन व बिक्री सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार नया कानून लागू करने जा रही है। लोकल हेलमेट पहनकर बाहर निकलने पर अब एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही जो लोकल हेलमेट का उत्पादन करेगा उस पर दो लाख रुपये का जुर्माना व जेल का प्रावधान होगा। सड़क हादसों में लोकल हेलमेट अथवा बिना हेलमेट के चलते हर रोज 28 बाइक सवारों की जान चली जाती है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने बाइक सवारों को सुरक्षित हेलमेट मुहैया कराने के लिए पहली बार इसे भारतीय मानक ब्यूरो (बीएसआई) की सूची में शामिल किया है। मंत्रालय ने 30 जुलाई को जारी अधिसूचना में हितधारकों से आपत्ति व सुझाव मांगे हैं। इसके 30 दिन बाद नया नियम लागू कर दिया जाएगा। इसके तहत निर्माता कंपनियों को हेलमेट को बाजार में बिक्री से पहले बीएसआई से प्रमाणित (क्वालिटी कंट्रोल) करना अनिवार्य होगा। इसमें राज्य सरकारों के प्रवर्तन विभाग को अधिकार होंगे कि वह लोकल हेलमेट की बिक्री व उत्पादन पर रोक लगाने के लिए समय-समय पर जांच करें। नए मानक में हेलमेट का वजन घटाया। विशेषज्ञों का कहना है कि बगैर हेलमेट अथवा हेलमेट की खराब गुणवत्ता (लोकल हेलमेट) होने पर 1,000 रुपये का चालान होगा। नए मानक में हेलमेट का वजन डेढ़ किलो से घटाकर एक किलो 200 ग्राम कर दिया गया है। टू व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव कपूर ने कि हेलमेट को बीआईएस सूची में शामिल होने से दो पहिया वाहन चालकों की सड़क दुर्घटना में जान बच सकेगी। बीएसआई लागू होने से हेलमेट के बैच, ब्रांड, बनने की तारीख आदि का उपभोक्ता को पता रहेगा।