राज्य के विकास में महिलाओं की अहम भूमिका: मुख्यमंत्री
देहरादून। त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वीरांगना तीलू रौतेली के जन्म दिवस पर प्रदेश की 21 महिलाओं व किशोरियों को राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली तथा 22 आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों को सम्मानित किया। देहरादून जनपद के पुरस्कार पाने वाले को मुख्यमंत्री ने स्वयं सम्मानित किया जबकि अन्य को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बन्धित जनपदों में विधायक एवं जिलाधिकारियों की उपस्थिति में यह पुरस्कार प्रदान किये गये।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अगले वर्ष से राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार की धनराशि 21 हजार से बढ़ाकर 31 हजार तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ती पुरस्कार की धनराशि 11 हजार से बढ़ाकर 21 हजार करने की घोषणा की । मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के समग्र विकास में स्त्री और पुरूष की समान भागीदारी है। समाज के महत्वपूर्ण अंग होने के नाते स्वस्थ समाज के निर्माण में भी इन की समान भूमिका है। स्त्री और पुरूष को समान रूप से आर्थिक रूप से मजबूत करना समय की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति की मजबूती के लिये महिला किसानों एवं स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख तक बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खेती की बेहतरी के लिये पहले महिलाओं को 2 प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिया जा रहा था। इस क्षेत्र में उनके बेहतर कार्य को देखते हुए अब 3 लाख की धनराशि उन्हें बिना ब्याज के उपलब्ध करायी जायेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड देव भूमि के साथ ही वीर भूमि भी है। देश की आजादी के पहले और बाद में देश की सुरक्षा एवं अखण्डता के लिये बलिदान देने वाला छठा बलिदानी उत्तराखण्ड का है। इसी के दृष्टिगत प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड में चार धामों के अतिरिक्त पाँचवां धाम सैन्य धाम भी बताया है। उन्होंने कहा कि वीरांगना तीलू रौतेली जैसे बलिदानी सदैव हमारे प्रेरणाश्रोत रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। महिलाओं को घर और बाहर की दोहरी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना पड़ता है। महिलाओं के आर्थिक स्वावलम्बन के लिये केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मन्दिर के भूमि पूजन के अवसर पर प्रधानमंत्री का जय सिया राम कहना महिलाओं के प्रति सम्मान प्रकट करता है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य के विकास की परिकल्पना राज्य के अंदर किये जाने वाले प्रयासों से ही साकार हो सकती है। इसके लिये युवाओं को स्वरोजगार अपना कर अपने पैरों पर खड़ा होना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले प्रदेश के तकनीकि दक्षता प्राप्त युवा स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे आये हैं। ये युवा उद्यमी अन्य युवाओं के लिये प्रेरणा का भी कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि यहां की जलवायु ऑफ सीजन सब्जी, फल, फूलों के उत्पादन के लिये वरदान है। स्वरोजगार का यह महत्वपूर्ण साधन बन सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनाथ व निराश्रित बच्चों को अनाथालयों में रखे जाने की व्यवस्था है, जहां बेटियां ज्यादा रहती हैं। 18 वर्ष के बाद इन्हें अनाथालय से छोड़ दिया जाता है। इन्हें रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार द्वारा देश में अपनी तरह की विशेष पहल कर इनके लिये सरकारी सेवाओं में 5 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में जिनके लिये आरक्षण की आवश्यकता है उन्हें मिलना चाहिए। हमारी सोच में विश्वास का भाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों में आत्म विश्वास पैदा करना जरूरी है। उन पर हमें भरोसा करना चाहिए। हमारी बेटियां हर क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में राज्य सरकार द्वारा संसाधनों की कमी के बावजूद सभी वर्गों का ध्यान रखा है, चाहे वह श्रमिक हो, टैक्सी ड्राइवर हो या होटल कर्मी सभी को आर्थिक मदद दी गई है। आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों को भी 2 हजार की धनराशि उपलब्ध करायी गयी है।