मदमहेश्वर घाटी में बरस रही आफत की बारिश

ऊखीमठ। मदमहेश्वर घाटी में विगत कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से ग्रामीणों की चिंता बढ़ती जा रही है। पीएमजीएसवाई के निर्माणाधीन विरोली – बुरूवा मोटर मार्ग पर अधिकाश सुरक्षा दीवालों के क्षतिग्रस्त होने से कई मकान व गौशालाएं खतर की जद में आ गयी हैं। ग्रामीणों की कई हेक्टेयर असिचित भूमि व फसलें मलबे में दबने के काश्तकारों की मेहनत पर पानी फिर गया है। ऊखीमठ – उनियाणा – अकतोली मोटर मार्ग कई स्थानों पर जानलेवा बना हुआ है। उनियाणा – अकतोली के मध्य दो स्थानों पर गदेरो के उफान में आने से मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गई है, जिस कारण वाहनों की आवाजाही ठप हो गयी है। जानकारी के अनुसार मदमहेश्वर घाटी में विगत कई दिनों से मूसलाधार बारिश होने से मधु गंगा सहित सहायक नदियों का जल स्तर उफान पर है, कई गावों में भूधसाव होने से ग्रामीणों की रातों की नींद उड़ गई है । पीएमजीएसवाई के निर्माणाधीन विरोली – बुरूवा मोटर पर सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त होने से राजेन्द्र सिंह धिरवाण, राकेश सिंह, इन्द्रा देवी, शिवभक्त धिरवाण, शेरसिंह नेगी, गजपाल सिंह, कुवर सिंह के मकान व रामभगत, कलम सिंह धिरवाण सहित दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों की आवासीय भवन व गौशालाएं खतरे की जद में आ गए है! ग्रामीण बीरेन्द्र धिरवाण, प्रेम भटट्, राय सिंह, जीतपाल धिरवाण, नन्द लाल, रमेश लाल सहित तीन दर्जन से अधिक ग्रामीणों की असंचित भूमि व फसलें मलवे में दबने से काश्तकारों के सन्मुख आजीविका का संकट बन गया है! ग्रामीणों का आरोप है कि पीएमजीएसवाई यदि मोटर मार्ग पर बनी सुरक्षा दीवालों की गुणवत्ता पर ध्यान देता तो आज मकानों को खतरा उत्पन्न नहीं होता, उनका कहना है कि विभागीय अधिकारियों को बार – बार अवगत कराने के बाबजूद भी सुरक्षा दीवालों के निर्माण में गुणवत्ता को दर किनार किया गया! मदमहेश्वर घाटी विकास मंच अध्यक्ष मदन भटट् ने बताया कि बरसात के समय विभाग द्वारा निर्माणाधीन मोटर मार्ग को लावारिस छोडना विभाग की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करता है! उन्होंने बताया कि निर्माणाधीन मोटर मार्ग पर वर्तमान समय में एक भी मजदूर कार्यरत नहीं है जबकि मूसलाधार बारिश के कारण मोटर मार्ग के ऊपरी हिस्से में बनी निकासी नालियों के बार – बार अवरुद्ध होने से अन्य मकानों को भी खतरा उत्पन्न हो सकता है! ग्रामीण शिव सिहं रावत ने बताया कि ऊखीमठ – उनियाणा – अकतोली मोटर मार्ग भी कई स्थानों पर जानलेवा बना हुआ है तथा उनियाणा – अकतोली के मध्य दो स्थानों पर गदेरे के उफान में आने से मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया और वाहनों की आवाजाही ठप हो गयी है।
- लक्ष्मण सिंह नेगी
- वरिष्ठ पत्रकार, ऊखीमठ