उक्रांद की सभी कार्यकारणी भंग
देहरादून। यूकेडी के अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने समस्त कार्यकारिणी भंग कर दी है तथा एक महीने के अंतर्गत नए सिरे से गठन किया जायेगा। दल के संरक्षक काशी सिंह ऐरी ने कहा कि कोरोना काल के दौरान उत्तराखंड सरकार की बहुत विफलतायें रही है। कोरोना को रोकने के लिये असफल रही। 30 जनवरी को पहला केश भारत मे आया लेकिन सरकार ने शुरुआती कदम नही उठाया। बाहर से फ्लाइट आती रही। मध्यप्रदेश की सरकार बनाने सरकार व्यस्त थी। सरकार ने प्रवासियों को 10 दिन का समय देकर घर वापसी के 8 बात कर नयी थी। तब सवबाकवूद लगना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग, पुलिस आदि विभाग पर सरकार के दिशानिर्देश व पकड़ नही रही। प्रवासियों को रोजगार की बात सरकार कर तो रही है जो धरातल में अभी तक नही उतरा। जो प्रवासी आज घर आ रहा है वह रोजगार के लिये ही बाहर गया था। अगर सरकार रोजगार मुहैया नही करवा पायी और प्रवासी वापिस चला गया तो सरकार की नाकामी कह लाएगी।
पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को कोरोना बचाव के लिये सुविधाएं उपलब्ध करवाये। प्रेस को संबोधित करते हुये पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी ने कहा कि सरकार के मुखिया रिवर्स पलायन के लिये ढकोसला कर रही है। गैरसैंण में जमीन लेकर मुख्यमंत्री ने बाहर के लोगो को न्योता दे दिया।उक्रांद की मांग है कि गैरसैण को पूर्णकालिक राजधानी घोषित कर गैरसैण क्षेत्र की जमीनों की खरीद फरोख्त पर प्रभावी कानून बनाकर रोक लगाए। पूर्व में हमारे दबाव पर भू कानून लागू किया था जिसे त्रिवेंद्र की सरकार खत्म कर चुकी है। जो राज्य के अस्तित्व के लिये खतरा है। जिला विकास प्राधिकरण विनाशकारी एक्ट लागू कर पहाड़ के साथ धोखा किया है।सरकार जोला विकास प्राधिकरण को भंग करें। रिवर्स पलायन अगर मुख्य मंत्री को करना है तो पहले वह अपने गांव में जाये। प्रेस वार्ता में बी डी रतूड़ी, डी डी जोशी, अनुसूया प्रसाद उनियाल, कुंदन बिष्ट,रणजीत गडाकोटी,शिवराज बनौला,बहादुर सिंह रावत,सुनील ध्यानी, लताफत हुसैन,विजय बौड़ाई,प्रताप कुँवर,धर्मेंद्र कठैत,राजेन्द्र बिष्ट,राजेश्वरी रावत,प्रताप कुँवर,समीर मुंडेपी,गिरीश शाह,दिनेश जोशी,दीवान,गिरीश नाथ गोस्वामी आदि थे।