बारिश ने छीना लोगों का ‘सुख-चैन’

ऊखीमठ। विगत दिनों केदार घाटी में हुई मूसलाधार बारिश से खुमेरा गाँव के अधिकांश तोक में भूधसाव होने से से दो मकाने पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो चुके हैंं  और दो दर्जन से अधिक मकाने, दुकाने, गौशालाएं खतरे की जद में आ गयी है। आने वाले दिनों में यदि भूधसाव निरन्तर जारी रहता है तो अन्य मकाने व दुकाने भी खतरे में जद में आ सकती है। गाँव की पेयजल योजनाये क्षतिग्रस्त होने से अधिकांश परिवारों में पेयजल संकट बना हुआ है। गाँव के पैदल मार्गो के क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को जान हथेली पर रख कर आवाजाही करनी पड़ रही है।

विगत चार दिनों से विधुत आपूर्ति ठप होने से ग्रामीण अन्धेरे में रात्रि गुजारने को विवश बने हुए है। काश्तकारों की कई हेक्टेयर भूमि व फसले बर्बाद होने से ग्रामीणों के अरमानों पर पानी फिर गया है। भूधसाव का मुख्य कारण ग्रामीण आलवेदर रोड़ का मलवा व क्यूगगाड का उफान मान रहे हैं।  जानकारी के अनुसार केदार घाटी के खुमेरा गाँव में विगत दिनों हुई मूसलाधार बारिश से प्रकाश लाल व रूकमणि देवी का मकान पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो चुके हैं । सिमल तोक के नन्दी देवी, गणेश लाल सहित आठ मकानों में दरारें पडने से ग्रामीणों ने मिलन केन्द्र आगनबाडी केन्द्र व विधालयों में आसरा लिया हुआ है तथा आने वाले दिनों में यदि मूसलाधार बारिश होती है तो अमित नेगी, गजेन्द्र सिंह, बलवन्त लाल, राजेश, आशीष, दिनेश कुवर सिंह व दर्शन सिंह सहित कई दर्जन से अधिक परिवार खतरे की जद में आ सकते है! खुमेरा गाँव के निचले हिस्से में हो रहे भूधसाव से रुद्रप्रयाग – गौरीकुण्ड मोटर मार्ग पर शशि भूषण मेहरा, महेश नेगी, दरवान कलम सिंह की दुकानों में दरारें पड़ चुकी है तथा दौलत सिंह, सचिन सिंह सहित एक दर्जन से अधिक दुकानों पर कभी भी प्रकृति का कहर बरस सकता है! सिमली तोक के घट गदेरे में बने पुल व गाँव के सम्पर्क मार्गों के क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर आवागमन करना पड़ रहा है! सिमली – खुमेरा, ढोकतोक – देवीधार पेयजल योजनाओं के क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीण दो बूद पानी के लिए मोहताज बने हुए है! विधुत विभाग द्वारा खुमेरा गाँव में विधुत आपूर्ति सुचारू करने के प्रयास तो किये जा रहे है मगर विधुत लाइन के क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीण अन्धेरे में रात्रि गुजारने को विवश बने हुए है! भूधसाव से ग्रामीण की कई हेक्टेयर कृत्रिम भूमि व फसले बर्बाद होने से ग्रामीणों को भविष्य की चिंता सताने लगा गयी है। प्रधान अनीता देवी ने बताया कि भूधसाव का मुख्य कारण आलवेदर रोड़ का मलवा तथा ब्यूगागाड का उफान पर आना है। उन्होंने बताया कि गाँव के अधिकांश हिस्सों में हो रहे भूधसाव से कई मकाने व दुकाने खतरे की जद में आ गयी है। उपप्रधान गौतम ने बताया कि केदार घाटी में बारिश शुरू होते ही ग्रामीणों की नींद उड़ जाती है। ग्रामीण दरवान सिंह अरविंद नेगी ने बताया कि ब्यूगागाड के किनारे 2003 में बी आर ओ द्वारा बनाये गये चैकडैम के क्षतिग्रस्त होने से भूधसाव अधिक हो रहा है।

लक्ष्मण सिंह नेगी।

वरिष्ठ पत्रकार, ऊखीमठ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *