आउटसोर्सिंग एजेंसी के खिलाफ यूकेडी ने खोला मोर्चा

उत्तराखंड: उत्तराखंड से बाहर की आउटसोर्सिंग एजेंसी को उत्तराखंड में कार्य ना देने की मांग को लेकर यूकेडी ने बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य को ज्ञापन भेजा। उन्होंने कहा कि  उत्तराखंड में पहले से ही उत्तराखंड सरकार द्वारा उपनल तथा पीआरडी जैसी सरकारी आउटसोर्सिंग एजेंसियां इस कार्य हेतु पहले से ही नामित और संचालित है। उत्तराखंड में पहले से ही दर्जनों सरकारी व प्राइवेट सेक्टर की एजेंसी बखूबी अपनी सेवाएं दे रही हैं, जो वांछित कार्यों हेतु पहले से ही अनुभव प्राप्त हैं। उत्तराखंड में मानव संसाधन उपलब्ध कराने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी सरकारी और प्राइवेट क्षेत्र में पहले से संचालित होने के चलते यह उपयुक्त नहीं होगा कि उत्तराखंड से बाहर की आउटसोर्सिंग एजेंसियों को उत्तराखंड में कार्य दिया जाए। उत्तराखंड से बाहर की एजेंसियों को कार्य दिए जाने से उत्तराखंड के लोगों के रोजगार के अवसर भी प्रभावित होंगे।

यूकेडी की मांगे

यूकेडी ने मांग करते हुए कहा कि आउटसोर्सिंग एजेंसियों में जो भी मानव संसाधन की सेवाएं दी जाए, उसमें मूल निवास और स्थाई निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्यता हो। आउटसोर्सिंग एजेंसी के मार्फत सेवारत अथवा अनुबंधित होने वाले कर्मचारियों में आरक्षण के रोस्टर का पालन करना सुनिश्चित किया जाए। आउटसोर्सिंग एजेंसी के मार्फत कार्य दिए जाने पर तथा आरक्षण के रोस्टर का पालन न किए जाने के कारण उत्तराखंड के अनुसूचित जाति, जनजाति महिला, पिछड़ा वर्ग, गरीब आदि के प्रशिक्षित बेरोजगार नियुक्ति के अवसर पाने से वंचित रह जाएंगे, जो रोजगार और आजीविका के नैसर्गिक अधिकार तथा संविधान की मूल भावना के भी खिलाफ होगा। यदि आप उत्तराखंड की आउटसोर्सिंग एजेंसियों के अलावा उत्तराखंड से बाहर की आउटसोर्सिंग एजेंसियों को यह कार्य देने के अवसर प्रदान करती हैं। यूकेडी ने कहा कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो वह राज्यमंत्री के त्यागपत्र की मांग करेगा। ज्ञापन देते हुये उक्रांद ने राज्य मंत्री रेखा आर्य को स्पष्ट कहा कि मांगे पूरे न होने पर दल आरपार की लड़ाई के साथ त्यागपत्र की मांग करता है। ज्ञापन देने में  लताफत हुसैन,सुनील ध्यानी, शांति भट्ट,समीर मुंडेपी,राजेश्वरी रावत,सीमा रावत,मीनाक्षी सिंह, नरेश गोदियाल आदि थे।

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