कैबिनेट का फैसला, कब्जेदारों को मिलेगा मालिकाना हक

देहरादून। बुधवार को हुुई कैबिनेट की बैठक में मंत्रिमंडल ने 18 प्रस्ताव पर मोहर लगाई। सबसे महत्वपूर्ण फैसला स्कूल खोलने को लेकर हुई। कैबिनेट ने डेढ़ घण्टे के मैराथन मीटिंग के बाद प्रदेश में एक नवम्बर से कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूल खुलेंगे। इसके साथ ही अन्य प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मोहर लगा दी है। सरकार ने राज्यकर्मचारियों को त्यौहार का तोहफा देते हुुुए अक्टूबर से कोविड फंड में एक दिन का वेतन काटने पर रोक लगा दी है, जबकि मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, आईएएस, पीसीएस, आईएफएस अधिकारियों के वेतन से कटौती होती रहेेेगी। वहीं 2004 के सर्किल रेट के आधार पर वर्ग 3 व 4 की भूमि के हजारों कब्जेदारों को मालिकाना हक मिलेगा। कैबिनेट ने उद्योग विभाग की सेवा नियमावली में, उत्तराखंड पुलिस आर मोरल (संशोधन) नियमावली, नागरिक सुरक्षा अधीनस्थ चयन आयोग नियमावली में संशोधन करने पर मोहर लगा दी गई। केबिनेट ने हिमालय गढ़वाल विश्वविद्यालय 2016 में संशोधन कर हिमालय गढ़वाल विश्वविद्यालय का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय कर दिया गया है। अब आबकारी विभाग में मदिरा की बिक्री के लिए ट्रेक एंड ट्रेस प्रणाली शुरू की जाएगी।
सरकार ने पीरुल नीति के तहत, चीड़ के पत्ते यानी पीरुल का रेट तय कर दिया गया है अब पिरूल 2 रुपए प्रति किलो से बिकेगा। महाकुंभ को लेकर हुए विचार विमर्श में कैबिनेट ने सभी अखाड़ा परिषदों को एक-एक करोड़ रुपए देेने का निर्णय लिया, वहीं उत्तराखंड अधी प्रमाणीकरण नियमावली को भी हरी झंडी दे दी है। वहीं कोरोना काल मे परेशानी का सामना करने वाले प्रदेश में दो लाख 43 हजार ड्राइवर और ई रिक्शा चालकों को एक-एक हजार रुपए और दिए जाएंगे।
सरकार ने उत्तराखंड खेल नीति 2020 को मंजूरी दे दी है। खेल नीति में विजेता, प्रशिक्षकों, खेल पत्रकार को पुरस्कार करनेे काा प्रावधान किया गया है