उक्रांद महिला प्रकोष्ठ ने किया कर्मचारियों को बाहर करने विरोध

देहरादून। बेटी बचाओ-बेटी पढाओ और महिला सशक्तिकरण के तहत राज्य की महिलाओं और युवतियों के साथ हो रहे अन्याय व अनुबंध खत्म होने के पश्चात कार्यरत कर्मचारियों को सरकारी विभाग से बाहर करने के विरोध में उक्रांद महिला प्रकोष्ठ ने राज्यपाल को ज्ञापन भेजा।
राज्यपाल को भेजे ज्ञापन में उक्रांद महिलाा प्रकोष्ठ ने कहा कि”बेटी बचाओं-बेटी पढाओ तथा महिला सशक्तिकरण के तहत सरकार के बड़े-बड़े नारे चल रहे हैं। लेकिन आये दिन महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है। उक्रांद ने कहा कि बलात्कार जैसी घटनायें मानस को झकजोर देती है, जो सामाजिक बुराई और मातृ शक्ति का सबसे बड़ा अपमान है, जिसे उत्तराखंड क्रान्ति दल कभी बर्दाश्त नही करेगा। ज्ञापन में उक्रांद महिला प्रकोष्ठ की कार्यकर्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार सरकारी विभागों में आउटसोर्स कपंनियों के तहत विभिन्न विभागों में भर्तियां करती है, लेकिन सत्तारूढ़ दल निजी स्वार्थों और अपने चहेतों को लाभ देने के लिये राज्य की आउटसोर्स एजेंसी उपनल और पीआरडी को ताक राज्य में रखकर राज्य के बाहर की आउटसोर्स कंपनियों या एजेंसियों के साथ अनुबंध करके सरकारी विभागों में भर्तियां की जा रही है। इन एजेंसियों द्वारा वर्षो से कार्यरत युवक और युवतियों को कंपनी या एजेंसी का सरकार के साथ अनुबंध खत्म होने के पश्चात कार्यरत कर्मचारियों को सरकारी विभाग से बाहर कर बेरोजगार किया जाता है, जो कि अनुचित है। उन्होंने कहा कि 400 युवक और युवतियां बाल विकास और महिला सशक्तिकरण विभाग से बाहर किये गए हैं जो कि इन कर्मचारियों के साथ अन्याय है। सरकार मौन बैठी है और युवाओं को रोजगार देने के बजाए उनका रोजगार छीन रही है। उक्रांद महिला प्रकोष्ठ ने राज्यपाल से वर्णित विषयों को सरकार को गंभीरता के साथ महिलाओं के साथ उत्तराखंड सरकार में हो रहे अत्याचार और बलात्कार तथा सरकारी विभागों में कार्यरत महिला कर्मचारियों के रोजगार छीन जाने के विषयक सकारात्मक समाधान हेतु दिशा-निर्देश दिये जाने की गुहार लगाई है। ज्ञापन में उक्रांद महानगर महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष किरन रावत कश्यप,आशा पयाल, राजेंद्रजीत ,मीनाक्षी सिंह,कोपल सिंघल,राधा चौहान,आज्ञा सिंघल,अंजू चौहान,नीलम रावत,योगिता पांडेय,प्रेमादेई,नीलम,राजेन्द्र जीत आदि केे हस्ताक्षर हैंं।