सिद्ध पीठ कालीमठ के दर्शन से मिलती है मोक्ष की प्राप्ति

ऊखीमठ। सिद्ध पीठ कालीमठ में शनिवार से शुरू होने वाले शरादीय नवरात्र की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। इस बार स्थानीय श्रद्धालुओं व जनप्रतिनिधियों के सहयोग से मां काली का दरवार विशेष पुष्पों से सजाया गया है! शुक्रवार को भी सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सिद्ध पीठ कालीमठ पहुँच कर पूजा – अर्चना कर पुण्य अर्जित किया। प्रबन्धक आनन्द सूरज तिवारी ने बताया कि शनिवार से शुरू होने वाले शरादीय नवरात्रो की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है व मां काली का तीर्थ अनेक प्रकार के पुष्पों से सजाया गया है। मठापति अब्बल सिंह राणा ने बताया कि जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमन्त तिवारी, कनिष्ठ प्रमुख शेलेन्द्र कोटवाल, जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा, प्रधान संगठन ब्लॉक अध्यक्ष सुभाष रावत, व्यापार संघ अध्यक्ष ऊखीमठ आनन्द सिंह रावत, रासी कण्डारा निवासी रणजीत रावत, सन्तोष नेगी, प्रधान पल्द्वाणी शान्ता रावत तथा पंच केदार दर्शन परिवार के सहयोग से भगवती काली के दरवार को भव्य रूप से सजाया गया है तथा कालीमठ तीर्थ को भव्य रुप देने में देव स्थानम् बोर्ड बोर्ड के कृष्ण देवशाली, राम कृष्ण राणा, बीरेंद्र सिंह रावत, शुभम सिंह राणा व सन्दीप रावत द्वारा भी मन्दिर को भव्य रुप देने में सहयोग किया गया! वेदपाठी रमेश चन्द्र भटट् ने बताया कि शरादीय नवरात्रो में भगवती काली की विशेष पूजा का विधान है तथा जो श्रद्धालु सरस्वती नदी में स्नान कर कालीमठ तीर्थ में पूजा अर्चना करता है उसे लौकिक व पारलौकिक फल की प्राप्ति होती है! परमानन्द गौड़, चन्द्र मोहन भटट् ने बताया कि लाकडाउन के बाद सभी तीर्थ स्थलों में आवाजाही शुरू होने से श्रद्धालुओं में भारी उत्साह बना हुआ है। शुभम भटट्, विपिन भटट् दिनेश चन्द्र गौड़ ने बताया कि सिद्ध पीठ कालीमठ में मुख्य मन्दिर सहित सभी सहायक मन्दिरों का भी विशेष श्रृंगार किया गया है! भुवन चन्द्र भटट्, दीपक गौड़ ने बताया कि जो व्यक्ति शरादीय नवरात्रो में भगवती काली के तीर्थ का स्मरण मात्र करता है वह सांसारिक सुखों को भोगकर अन्त में मोक्ष को प्राप्त होता है। मयंक गौड़, हरीशचन्द्र गौड़ ने बताया कि जो मनुष्य शरादीय नवरात्रो में सिद्ध पीठ कालीमठ में पूजा – अर्चना करता है उसे मनवाछित फल की प्राप्ति होती है! संजय भटट्, राकेश गौड़ सतीश चन्द्र गौड़, मित्रानन्द भटट् का कहना है कि शरादीय नवरात्रो में भगवती काली की पूजा करने से जन्म जन्मान्तरो से लेकर युग – युगान्तरो के पापों का हरण हो जाता है तथा मनुष्य को अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है।
लक्ष्मण सिंह नेगी।
वरिष्ठ पत्रकार, ऊखीमठ।