अपने स्वार्थ के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची त्रिवेंद्र सरकार:- रविन्द्र

देहरादून। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रविन्द्र सिंह आनन्द ने कहा की जब उच्च न्यायालय के आदेश दुकानों एवं मंदिरों को ध्वस्त करने के लिए आए तो राज्य सरकार असमर्थता दिखाते हुए व्यापारियों के हित में कोई निर्णय न लिया और न ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया । वही दूसरी ओर जब उच्च न्यायालय द्वारा त्रिवेंद्र सिंह रावत पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के लिए सीबीआई जांच के आदेश हुए तो त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी हिलने लगी तब वह तत्काल सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंच गए । इससे साबित होता है की त्रिवेंद्र सरकार व्यापारी हितों के लिए संवेदनशील नहीं है। जब व्यापारियों की दुकानों को तोड़ा जा रहा था, उस वक्त राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय का हवाला देते हुए यह कहा कि यह हाईकोर्ट का आदेश है व सरकार ने अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट में नहीं रखा, लेकिन जब अपनी सरकार पर आन पड़ी तब वे दौड़े-दौड़े सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। इससे यह साफ होता है कि यह सरकार स्वार्थी है और पद की लालसा रखने वाली है, इसको व्यापारियों एवं आम जनता की परेशानी मुसीबतों से कुछ लेना देना नहीं है। आनंद ने आगे कहा कि जिस प्रकार से त्रिवेंद्र सरकार के आए दिन घोटालों खुल रहे हैं उससे यह साबित होता है कि जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार सिर्फ जुमलेबाजी ही कर सकती है।