कल बंद होंगे मदमहेश्वर के कपाट

ऊखीमठ। पंच केदार में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट गुरूवार को पौराणिक परम्पराओं के अनुसार प्रातः 7, 30 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शीतकाल के लिए बन्द कर दिये जायेंगे। कपाट बन्द होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने धाम से रवाना होगी तथा विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गाँव पहुंचेगी और 22 नवम्बर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी। जानकारी देते हुए देव स्थानम बोर्ड अधिकारी एन पी जमलोकी ने बताया कि गुरूवार को भगवान मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बन्द कर दिये जायेगें तथा कपाट बन्द होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने धाम से रवाना होकर मैखम्भा, कूनचटटी, नानौ, खटरा, बनातोली यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गाँव पहुंचेगी तथा 20 नवम्बर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गाँव से प्रस्थान कर द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि 21 नवम्बर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मन्दिर रासी से प्रस्थान कर उनियाणा, राऊलैक, बुरुवा, मनसूना यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गाँव पहुंचेगी तथा 22 नवम्बर को गिरीया गाँव से प्रस्थान कर फापज, सलामी, मंगोलचारी, ब्राह्मणखोली, डंगवाडी होते हुए अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर पहुंचेगी।

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