तीन वर्ष बाद देवरा यात्रा पर निकलती हैं मां धारी

ऊखीमठ। मां धारी देवी की डोली यात्रा विभिन्न होते हुए। पड़ाव प्रवास के लिए प्रसिद्ध सिद्धपीठ कालीमठ पहुंची। इस दौरान जगह-जगह श्रद्धालुओं ने डोली के दर्शन करके पुण्य अर्जित किया। 27 फरवरी को धारी मां की डोली यात्रा अपने पीठ धारी मां मंदिर पहुंचेगी। इससे पूर्व डोली कुंभ स्नान भी करेगी। बता दें कि सात फरवरी को दक्षिण काली के रूप मेंं प्रसिद्ध धारी देवी के मंदिर प्रांगण से हंस फाउंडेशन की संस्थापक माताश्री मंगला माता ने डोली यात्रा की शुरूआत की। डोली यात्रा की अगुवाई दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोड़ा द्वारा की जा रही है। धारी मां की डोली प्रथम प्रवास के लिए शिव पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण पहुंची। मंदिर की तीन परिक्रमा पूर्ण करके मां धारी की स्थानीय भक्तों द्वारा आरती उतारी गयी। ब्रहममुहूर्त में स्थानीय ब्राह्मण समाज ने डोली की परंपरागत पूजा अर्चना की।
गुप्तकाशी पहुंचने के बाद सैकड़ों भक्तों द्वारा डोली का मां के जयकारे के साथ ही अभिवादन किया गया। इस दौरान धारी देवी की डोली को कंधे पर उठाकर विश्वनाथ मंदिर लाया गया, जहां पर मंदिर की परिक्रमा पूर्ण करके डोली ने अपने अग्रिम पड़ाव कालीमठ की ओर प्रस्थान किया। धारी गांव में मां धारी का भव्य मंदिर है। शास्त्रों के अनुसार और स्थानीय स्तर पर प्राप्त साक्ष्यों के अनुसार वर्ष 1807 में इस मंदिर की स्थापना हुई है। कथाओं के अनुसार भयंकर त्रासदी के दौरान दक्षिण काली की मूर्ति बहकर इस स्थान पर आयी थी। मूर्ति की करूण आवाज सुनकर धारी गांव के लोगों ने मूर्ति की परंपरागत पूजा अर्चना करके इसी स्थान पर मूर्ति की स्थापना करके भव्य मंदिर का निर्माण किया। धारी मां को उत्तराखंड की रक्षा की देवी भी मानी जाती है। डोली की अगुवाई कर रहे अधिवक्ता व वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता संजय शर्मा ने बताया कि माताश्री मंगला देवी की अगवाई मेंं धारी मां की डोली की देवरा यात्रा की शुरूवात की गयी। बताया कि प्रत्येक तीन वर्ष बाद धारी मां अपनी देवरा यात्रा पर निकलती है। इस बार उन्होंने समिति के पदाधिकारियों से विमर्श करके केदारघाटी के लिये देवरा यात्रा की स्वीकृति मांगी। श्री शर्मा ने कहा कि हरिद्वार मंे कुंभ स्नान करके 27 फरवरी को डोली धारी मंा मंदिर मंे पहुंचेगी। इस मौके पर केएन नौटियाल, सुरेशा नंद नौटियाल, उपहार समिति के अध्यक्ष बिपिन सेमवाल, व्यापार ंसघ अध्यक्ष मदन सिंह, पूर्व प्रमुख ममता नौटियाल, सुमन जमलोकी, विजयलक्ष्मी, रीना अग्रवाल, उपासना सेमवाल, जगमोहन आजाद, संजय सिंह, जगदम्बा बैंजवाल, समेत सैकड़ो लोग मौजूद थे।
लक्ष्मण सिंह नेगी, वरिष्ठ पत्रकार ऊखीमठ।