बिना पंजीकरण के हरिद्वार में ‘नो एंट्री’

हरिद्वार। माघ अमावस्या व वसंत पंचमी में स्नान के लिए बाहर से आने वाले वाले श्रद्धालुओं को अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। बिना पंजीकरण के आने वाले श्रद्धालुओं को  वापस भेेेज दिया जाएगा। हरिद्वार जिला प्रशासन ने गाइड लाइन जारी कर दी है। 11 को माघ अमावस्या, 16 को वसंत पंचमी और 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा पड़ रहा है, इन दिनों में गंगा स्नान का विशेष महत्व है और गंगा स्नान को देशभर से श्रद्धालु  गंगा स्नान को हरिद्वार पहुँचते है। इस बार कोरोना के चलते इन पर्व पर बाहरी राज्य से आने वाले श्रद्धालुओं को अपना पंजीकरण  करवाना होगा, अगर किसी श्रद्धालु ने पंजीकरण नही करवाया है तो उसे इस बार निराश हो कर बिना गंगा स्नान के ही लौटना होगा। इस बार राज्य की सीमा पर पुलिस का सख़्त पहरा रहेगा। तीनों स्नान पर्वों की जिला, मेला और पुलिस प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिला प्रशासन ने सोमवार को 11 और 16 फरवरी को पड़ने वाले पर्व स्नानों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें कोविड-19 से बचाव के लिए सरकार की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) और हाईकोर्ट के निर्देशों का हवाला दिया गया है। गाइडलाइन में कहा गया है कि श्रद्धालुओं को पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। राज्य की सीमा पर इसकी जांच की जाएगी। पंजीकरण नहीं होने पर श्रद्धालुओं को लौटा दिया जाएगा। सीमा पर पुलिस का सख्त पहरा होगा। मालूम हो कि एसओपी में पंजीकरण के लिए आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट की अनिवार्यता है। प्रशासन ने पर्व स्नानों के मद्देनजर मेला क्षेत्र दो जोन और सात सेक्टर में बांट दिया गया है। इसके साथ ही अधिकारियों की जिम्मेदारियाँ भी  सौंप दी  है।

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