सोच व चिंतन में आधुनिकता जरूरी : प्रोफेसर श्याम मोहन

पौड़ी। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई राठ महाविद्यालय पैठाणी में महिला अधिकार, विकास एवं विचार पर आधारित विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमे छात्रों एवं शिक्षकों ने  विचार व्यक्त किए।

विचार गोष्ठी में विचार रखते हुए छात्रा श्वेता नेगी ने कहा कि आज की नारी शिक्षित एवं आत्मविश्वास से भरी हुई है। छात्रा भावना ने कहा कि आज के बदलते परिवेश में भी पुरुष वादी मानसिकता कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में हावी है। छात्रा कंचन ने कहा कि महिलाओं को समाज मे सभी अधिकार दिए गए हैं, उसके बावजूद महिलाएं भय व संकोच के चलते समाज मे पूरी तरह से अपनी भागीदारी नहीं निभा पा रही है। शिक्षा संकाय के प्रोफेसर डॉ श्याम मोहन सिंह ने कहा कि आधुनिकता का मतलब केवल बाहरी आवरण से नहीं होता, सोच व चिंतन में भी आधुनिकता होनी चाहिए।

डॉ वीरेंद्र चन्द्र ने कहा कि इस तरह के विचार गोष्ठियों के आयोजन समय, समय पर होने चाहिए, इससे मानसिकता का विकास होता है। पूर्व कार्यक्रम अधिकारी राम सिंह नेगी ने कहा कि बालक एक घर को रोशन करता है, जबकि बालिकाएं अनेक घरों को रोशन करती हैं। डॉ राजीव दूबे ने कहा कि कितनी भी आधुनिक हावी क्यों न हो जाए, लेकिन महिलाओं को कभी भी अपने मूल संस्कारों को नहीं भूलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज हम आधुनिकता के नाम पर पाश्चचत्या सभ्यता के आवरण को ओढ़ने पर तुले हुए हैं, जो कि हमारे समाज के लिए ठीक नहीं है। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ जीतेन्द्र कुमार नेगी ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपना कौशल और हुनर दिखा रही हैं। वह किसी से कम नहीं हैं। गोष्ठी में कई छात्रों, शिक्षकों ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम अधिकारी डॉ देवकृष्ण थपलियाल ने सभी आगन्तुकों का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया।

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