बात कुछ और है ब्यूरोक्रेसी और ‘भविष्य, तो बहाना है

देहरादून। राज्य में  नेतृत्व परिवर्तन के चर्चाओं का बीच आज विधानमंडल की बैठक होगी। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत दिल्ली से देहरादून के लिए रवाना हो चुके हैं। दून पहुँचने के बाद वह अपने समर्थकों के साथ मुलाकात करेंगे। वही कई विधायक कह चुके है कि सीएम के कामकाज से वह बिल्कुल सन्तुष्ट है, और उनके नेतृत्व में राज्य विकास की राह में आगे बढ़ रहा है,   जबकि एक गुट मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से नाराज चल रहा है और यही गुट ब्यूरोक्रेसी को तूल देकर पार्टी हाईकमान के पास बार, बार दस्तक दे रहा है, और मुख्यमंत्री के राह में रोड़ा डाल रहा। कहा जा रहा है कि जो  गुट नाराज चल रहा है, वह बिना दखल के मनमर्जी चाहते हैं। नाराज विधायकों की शिकायत है कि  खुली छूट मिलने से ब्यूरोक्रेसी विधायकों और मंत्रियों की नहीं सुन रहे हैं न ही उनकी सुनवाई  हो रही है। ऐसे में नाराज विधायक नेतृत्व परिवर्तन की मांग पार्टी हाईकमान से कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि दिल्ली मे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी अपना पक्ष हाईकमान के सामने रख दिया है कहा जा रहा है कि कुछ नाराज विधायकों को राज्य में मंत्री पदों की खाली सीटों पर समायोजित किया जा सकता है। वहीं अगर डैमेज कंट्रोल करने में पार्टी सफल नहीं हुई तो राज्य में नेतृत्व परिवर्तन पर विचार होगा या नहीं यह आज होने वाली बैठक के बाद ही पता चलेगा।सूत्रों के अनुसार दोनों आब्जर्वरों को नाराज गुट ने बताया कि वर्तमान मुख्यमंत्री के नेतत्व में चुनाव लड़ने पर पार्टी को नुकसान हो सकता है। सरकार में ब्यूरोक्रेसी  हावी होने से जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनी जा रही है, जिससे जनता में भी नाराजगी है। उत्तराखंड में भाजपा से जुड़े एक नेता ने कहा, ‘अगले वर्ष 2022 में चुनाव है। कई विधायकों की नाराजगी के कारण वर्तमान मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चुनाव लड़ना खतरे से खाली नहीं माना जा रहा है। हालांकि पार्टी नेतृत्व विधायकों को मनाकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश में जरूर लगा है। आब्जर्वर की रिपोर्ट पर बीजेपी नेतृत्व को आगे का फैसला करना है।

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