पूर्व विधायक बोले स्वास्थ्य सेवा में सुधार लाएंल

जनमंच टुडे/देहरादून।
पूर्व विधायक राजकुुुमार ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में भारी लापरवाही हो रही है, जिसके चलते आम जनता को रही भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा। समस्याओं के निदान के लिए उन्होंने सीएस को पाती भेजकर जल्द से जल्द समस्याओं के निदान करने के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने की मांग की है।प्रदेश अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक राजकुमार ने मुख्य सचिव को भेजे ज्ञापन में कहा कि प्रदेश कें सभी शहरों में दिन-प्रतिदिन कोरोना (कोविड-19) से ग्रसित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है तथा प्रदेश के समस्त सहकारी चिकित्सालयों में सुविधाओं के अभावों में गरीब व मजबूर व समान्य वर्ग के लोगों को सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं जिस कारण रोजाना कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है । उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की हालत ऐसी हो गयी है कि कोरोना ग्रसित मरीजों को कोई भी अस्पताल एडमिट करने को तैयार नहीं है और जो अस्पताल एडमिट कर रहे हैं उनके वहां पूर्ण रूप से सभी वार्ड भर चुके हैं जिस कारण कोरोना ग्रसित मरीजों को उपयुक्त मेडिकल केयर ना मिलने से उनकी मृत्यु हो रही है अधिकांश दवाइयां मरीजों को चिकित्सालयों से उपलब्ध नहीं हो पा रही तथा जन ओषधि केन्द्र मे सारी दवाइयां नहीं मिलती है । जिस कारण उन्हें बाहर से महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ रही है। अगर गरीब असहाय लोगों को बाहर से ही दवाइयां लेनी है तो सरकारी चिकित्सालयों का कोई लाभ नहीं है और कोरोना टेस्ट की फीस बढा दी गई है जिस कारण आम जनता कोरोना टेस्ट कराने में संकोच कर रही है पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि राजधानी के राजकीय दून मेडिकल काॅलेज, कोरोनेशन, गांधी शाताब्दी अस्पताल एवं प्रदेश के समस्त सहकारी अस्पतालों में दूर-दूर से गरीब व असहाय लोग आते हैं उनकी समस्याओं को देखते हुए जनहित में आई.सी.यू व एम्बूलेन्स कि सेवा मरीजों को 24 घंटे उपलब्ध करायें तथा दून मेडिकल काॅलेज में डाक्टर/फिजिशियन कि संख्या बढ़ाई जाये । कहा कि पूर्व में भी कई बार दून चिकित्सालय प्राचार्य, सी.एम.ओ व अन्य अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे गए हैं परन्तु अभी तक कोई जनहित में कदम नहीं उठाए गए हैं, और पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि उपरोक्त समस्याओं पर अगर गम्भीरता से विचार कर तत्काल इसका समाधान नहीं किया गया तो जनहित में जनता के साथ धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा ।