यात्रा मार्गो पर पसरा सन्नाटा
ऊखीमठ। कोरोना वायरस का लाॅक डाऊन होने से केदार घाटी का तीर्थाटन व पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया है । वर्ष भर तीर्थ यात्रियों व सैलानियों से गुलज़ार रहने वाले तीर्थ व पर्यटक स्थलों में सन्नाटा पसरा हुआ है। पूरे देश में कोरोना वायरस के कारण लाॅक डाऊन होने से स्थानीय युवाओं के सन्मुख भी दो जून रोटी का संकट खड़ा हो गया है। बता दे कि पूरे देश में कोरोना वायरस के कारण भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर, कालीमठ, काली शिला, राकेश्वरी मन्दिर, रुछमहादेव, गौरी माई मंदिर, त्रियुगीनारायण, विश्वनाथ, कार्तिक स्वामी मन्दिरों सहित क्षेत्र के पर्यटक स्थल देवरिया ताल, चोपता, दुगलविट्टा सहित सभी पर्यटक स्थलों में 20 मार्च से पूर्व आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी। केदार घाटी के सभी तीर्थ व पर्यटक स्थलों पर आवाजाही पर रोक लगने के कारण सन्नाटा पसरने से स्थानीय तीर्थाटन व पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित होने से स्थानीय व्यापारियों व युवाओं के सन्मुख रोजी – रोटी का संकट खड़ा हो गया है । विगत वर्षों की बात करे तो चैत्र मास शुरू होते ही तुगनाथ घाटी के पर्यटक स्थलों में सैलानियों की आवाजाही में भारी इजाफा हो जाता था तथा चैत्र नवरात्रो में सिद्ध पीठ कालीमठ सहित देवी के शक्ति पुंजों में श्रद्धलुओ का तांता लगा रहता मगर इस बार कोरोना वायरस का लाॅक डाऊन होने से सभी तीर्थ व पर्यटक स्थलों में सन्नाटा पसरा हुआ है! जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा का कहना है कि लाॅक डाऊन होने से क्षेत्र की आर्थिकी डगमगा गयी है जिससे युवाओं के सन्मुख दो जून रोटी का संकट पैदा हो गया है। जिला पंचायत सदस्य परकण्डी रीना बिष्ट का कहना है कि तुगनाथ घाटी के यात्रा पडावो पर लगभग एक हजार युवाओं का रोजगार जुड़ा हुआ है , इस बार कोरोना के चलते सभी युवाओं की आजीविका प्रभावित हो गई है। व्यापारी मोहन प्रसाद मैठाणी ने बताया कि तुगनाथ घाटी में सैलानियों की आवाजाही ठप होने से क्षेत्र का पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया है!