सवारियों के लिए तरसे ऑटो रिक्शा वाले
देहरादून। भले ही सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रणाली ओर बाजारों को खोल दिया गया हो, लेकिन जागरूक लोग बेबजह बाजारों में घूमने के बजाए अपने घरों के अंदर ही रहना पसंद कर रहे हैं। देहरादून में ऑटो-रिक्शा चालकों को वाहन चलाने की छूट तो मिल गई है, लेकिन उन्हें कोई सवारियां नही मिल रही हैं, जिससे वह परेशान होने के साथ ही वित्तीय संकट से गुुजर रहे हैं। लॉकडाउन के बाद दौरान सेवाएं फिर से शुरू हो गई हैं लेकिन अभी भी लोग घरों में ही रहना पसंद कर रहे हैं। रविवार को ऑटो-रिक्शा चालकों ने बताया कि भले ही उनको वाहन चलाने की छूट मिल गई है, लेकिन उन्हें सवारियां नहीं मिल रही हैं, कोरोना के भय के चलते लोग घरों में ही रहना पसंद कर रहे हैं। हम अपनी आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं।
राज्य सरकार हमें 5000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करे। लॉकडाउन-1 से लॉकडाउन-3 तक यातायात के सभी साधन बंद थे। लॉकडाउन-4 में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को शर्तों के साथ यातायात के साधनों को खोलने के मामले में निर्णय करने की छूट दे दी। इसके बाद कई राज्य सरकारों ने रेड जोन को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में यातायात के लिए ऑटो रिक्शा चलाने की अनुमति दे दी। इसके बाद भी लोग कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए अभी भी घरों में रहना पसंद कर रहे हैं, इसके कारण ऑटो चालकों की आय जीवन यापन के लिए पर्याप्त नहीं हो पा रही है, इसलिए आटो चालकों ने परिवार का खर्च चलाने के लिए सरकार से आर्थिक मदद की मांग की है।
