जोशीमठ आपदा पीड़ितों के बीच पहुँचे धामी, मदद का दिया भरोसा
जनमंच टुडे। जोशीमठ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज जोशीमठ पहुंचे और में हो रहे भू धंसाव क्षेत्रों का निरीक्षण कर पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने भू धंसाव क्षेत्र सिंहधार, मनोहर बाग, गुरुद्वारा, नरसिंह मंदिर समेत नगर के अन्य जगहों का में भ्रमण कर प्रभावितों से मिले और उनकी समस्याओं को सुना। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भू धंसाव से प्रभावितों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावितों के विस्थापन के लिए वैल्पिक जगह की तलाश की जा रही है। उन्होंने कहा कि कहा कि प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना सरकार की पहली प्रथामिकता है। उन्होंने अधिकारियों को राहत कार्यों को युद्ध स्तर पर करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीड़ितों के लिए तत्काल सुरक्षित स्थानों पर अस्थाई पुनर्वास केंद्र बनाये साथ ही तत्काल डेंजर जोन में रह रहे परिवारों कल उनके आवास से हटाकर सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करें। उन्होंने कंट्रोल रूम को 24 घंटे सक्रिय रखने और प्रभावितों की समस्या का समाधान तत्काल करने को कहा।वही इस बीच सरकार ने विस्थापित किये गए परिवारों को हर महीना 4 हजार रुपए मकान के किराये तौर पर देगी। मुख्यमंत्री राहत कोष से 6 माह तक यह धनराशि पीड़ितों को दी जाएगी। वही सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुन्दरम और आयुक्त गढवाल मण्डल सुशील कुमार कल से जोशीमठ में कैम्प करेंगे वही मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव के कारणों की विभिन्न केन्द्रीय संस्थानो से अध्ययन एवं उपचार हेतु समयबद्धता के साथ रिपोर्ट देने का अनुरोध किया है।मुख्यमंत्री ने जोशीमठ से लौटने के बाद देहरादून में सचिवालय स्थित आपदा प्रबन्धन केन्द्र में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जोशीमठ भू धंसाव से पीडित लोगों की मदद एवं राहत एवं बचाव के साथ विकास कार्यो के अनुश्रवण हेतु अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शासन स्तर पर तथा आयुक्त गढ़वाल की अध्यक्षता में स्थानीय स्तर पर समन्वय समिति का गठन तत्काल किया जाय। मुख्यमंत्री ने पीडितों की मदद के लिये आपदा मानको से हट कर भी मदद किये जाने तथा सी.एस.आर के तहत भी राहत की व्यवस्था के निर्देश दिये। उन्होंने आपदा प्रबन्धन के अन्तर्गत कार्यों की स्वीकृति आदि के लिये उच्चाधिकार समिति के गठन की भी बात कही ताकि राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी से कार्य हो सके। जोशीमठ को भूस्खलन एवं भूधंसाव क्षेत्र घोषित करने के साथ जिलाधिकारी चमोली का आपदा मद में 11 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध करायी गयी है।मुख्यमंत्री के निर्देश पर निदेशक राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केन्द हैदराबाद तथा निदेशक भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस) से जोशीमठ क्षेत्र का विस्तुत सेटलाइट इमेज के साथ अध्ययन कर फोटोग्राफस के साथ विस्तुत रिर्पोट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।