गांवों में घटती हरियाली चिंता का विषय : रावत
जनमंच टुडे। हरिद्वार। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के तहत हरिद्वार के बीएचईएल स्थित सेक्टर 5 के कन्वेंशन सेंटर में सोमवार को दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा, इसमें पंचायत प्रतिनिधियों व कार्मिकों को ग्राम पंचायत विकास योजना (जी पी डी पी) के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई । कार्यशाला के पहले दिन कार्यक्रम को संबोधित करते हुये अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज ओमकार सिंह ने कहा कि विकास की एक शर्त होती है कि ग्राम पंचायतों में कितना विकास हुआ है, इसकी जानकारी प्रधानों के अतिरिक्त पंचायतीराज विभाग के अन्य अधिकारियों को भी होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि समय-समय पर विकास कार्यों की समीक्षा भी करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों की समीक्षा के लिये आवश्यक है कि अधिकारियों को यात्रा भत्ता मुहैया कराया जाए। इस दिशा में भी कदम बढ़ाया जाएगा, इसके बाद उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों के बारे में जानकारी देते हुये कहा कि ग्रामीणों को सुरक्षा, शिक्षा, ई-गवर्नेंस आदि की सम्पूर्ण जानकारी देनी चाहिये। साथ ही, उन्होंने गांव स्थापना दिवस को मनाने पर जोर देते हुये हर गांव की आदर्श हस्तियों को सम्मानित करने और एक सभ्य समाज बनाने के लिये प्रेरित किया। निदेशक पंचायतीराज मंत्रालय केंद्रसरकार मालती रावत ने कहा कि हम उत्तराखंड के हैं। ऐसे में हमने प्रकृति की सुख और विपदा दोनों को ही करीबी से देखा है, ऐसे में हमारी जिम्मेदारी भी काफी बढ़ जाती है। ईको सिस्टम को संरक्षित करते हुये सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करना बहुत आवश्यक है। उन्होंने साल दर साल उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में हरियाली कम होने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा की ऐसे में पंचायत प्रतिनिधियों को अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेते हुये स्वच्छ और हरित ग्राम पंचायत की अवधारणा को साकार करना होगा।
इस अवसर पर नियोजन विभाग के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मनोज पंत ने मॉडल जीपीडीपी पर विस्तार से जानकारी देते हुये कहा कि हमें ग्रामीण क्षेत्रों की आवश्यकता को देखते और समझते हुये उनकी प्राथमिकताओं के आधार पर योजनाओं को लागू करना चाहिये । वहीं, जल जीवन मिशन के मुख्य अभियंता वीके पंत ने कहा कि हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचाने के लिये केंद्र की मदद से काफी कार्य किया जा रहा है । ऐसे में हमारे जनप्रतिनिधियों को जल सम्बंधी सभी लाभकारी योजनाओं पर कार्य करना चाहिये। कार्यक्रम में उत्तराखंड प्रशासन अकादमी डॉ आरएस टोलिया ने आर्थिक विकास की नीति को विस्तार से समझाते हुये सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को सतत विकास की राह पर लाने का सूत्र साझा किया । उन्होंने लोक कल्याणकारी योजनाओं पर विशेष बल देते हुये कहा कि क्षेत्रों में जिन स्थानों में विकास कार्य अधूरा पड़ा है, उसे विकसित करना जरूरी है । उन्होंने इस संबंध में जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे क्षेत्र की जरूरतों को समझते हुए प्राथमिकता को समझते हुये योजनाओं पर काम करने को कहा। उन्होंने क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत स्तर पर विकास की रूपरेखा तैयार करने की बात की।